टीम इंडिया के टी20 और वनडे के कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक हिंदी अखबार को कानूनी नोटिस भेजकर 100 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा करने की चेतावनी दी है। अखबार ने टीम के पूर्व मैनेजर के हवाले से दावा किया था कि 2014 में इंग्‍लैंड के दौरे पर धोनी ने एक टेस्‍ट मैच फिक्‍स किया था। यह भी आरोप लगाया कि धोनी ने जानबूझकर गीली विकेट पर पहले बल्‍लेबाजी का फैसला किया, जबकि टीम मीटिंग में यह तय हुआ था कि टॉस जीतने की स्‍थ‍िति में पहले फील्‍ड‍िंग चुनना है। भारत ने यह टेस्‍ट तीसरे दिन ही गंवा दिया था। ओल्‍ड ट्रैफर्ड में हुए इस मैच में भारत को इंग्‍लैंड ने एक पारी और 54 रन से शिकस्‍त दी थी।

डेक्‍कन क्रॉनिकल की खबर के मुताबिक, मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए धोनी से जुड़ी लीगल फर्म सीएंडसी असोसिएट्स ने अखबार को नौ पन्‍ने का लीगल नोटिस भेजा। नोटिस के जरिए चेतावनी दी गई कि या तो अखबार इस रिपोर्ट को वापस ले या लीगल केस का सामना करने के लिए तैयार रहे। धोनी के वकीलों ने 100 करोड़ रुपए के मानहानि का मामला दर्ज कराने की चेतावनी दी। लीगल नोटिस में इस बात का भी जिक्र है कि खुद देव ने इस तरह के आरोपों को खारिज किया है। स्‍ट‍िंग ऑपरेशन की प्रामाणिकता पर भी सवाल उठाए गए हैं।

क्‍या है मामला?
हिंदी अखबार सन स्‍टार ने एक स्‍ट‍िंग ऑपरेशन में टीम इंडिया के पूर्व मैनेजर और डीडीसीए के पूर्व स्‍पोर्ट्स सेक्रेटरी सुनील देव को कथित तौर पर ऑन कैमरा यह कहते हुए पकड़ा कि धोनी ने इंग्‍लैंड में मैच फिक्‍स किया था। देव ने इस स्‍ट‍िंग ऑपरेशन में कथित तौर पर यह कबूला कि उन्‍होंने इस बारे में अपनी रिपेार्ट तत्‍कालीन बीसीसीआई अध्‍यक्ष एन श्रीनिवासन को भी सौंपी थी। देव के मुताबिक, बीसीसीआई ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत करते हुए देव ने इस स्‍ट‍िंग ऑपरेशन को बकवास करार देते हुए अखबार के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की बात कही है।