डीडीसीए ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथे टैस्ट के आयोजन के लिए सभी तरह की मंजूरी के लिए बीसीसीआइ से एक दिन की मोहलत मांगी है। डीडीसीए ने दिल्ली सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि उसने जांच समिति का गठन कर उसे दूसरे मामलों में उलझा दिया और अगर मैच दिल्ली में नहीं होता है तो इसके लिए केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है।
दूसरी तरफ, डीडीसीए ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) को फीरोजशाह कोटला में अंतरराष्ट्रीय मैच के आयोजन के लिए अस्थायी कब्जा प्रमाणपत्र (पीओसी) देने के लिये आज उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। मैच तीन दिसंबर से सात दिसंबर के बीच होना और डीडीसीए ने एक से दस दिसंबर तक के लिए पीओसी मांगा है। इस मामले पर अब बुधवार को सुनवाई होगी। यही कारण है कि डीडीसीए 17 नवंबर की समयसीमा का पालन करने में नाकाम रहा। डीडीसीए के उपाध्यक्ष चेतन चौहान ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि मैं जानता हूं कि समयसीमा आज तक की है लेकिन अदालत की सुनवाई बुधवार तक बढ़ा दी गई है। ये चीजें हमारे हाथ में नहीं हैं। हमने बीसीसीआइ से एक और दिन की मोहलत मांगी है।
चौहान ने कहा कि डीडीसीए को सरकार से जरू री सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हमें कर मामलों में सरकार से जिस तरह के सहयोग की उम्मीद थी वैसा नहीं मिल रहा है। कई उद्योग और दुकानें हैं जो कर चुकता नहीं करते तो क्या वे उन्हें बंद कर रहे हैं। पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। डीडीसीए गैर लाभार्थी संस्थान है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जांच समिति गठित कर हमारे लिए परेशानी पैदा की। क्योंकि हम टैस्ट के आयोजन की मंजूरी लेने की बजाय दूसरे मसलों में उलझ गए। इसलिए अगर मैच यहां नहीं होता है तो इसकी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार पर होगी।