आगामी 19 मार्च को धर्मशाला में आयोजित होने वाले भारत-पाकिस्तान के विश्व कप टी-20 मैच के लिए सुरक्षा प्रदान करने में लाचारी जताने वाली हिमाचल प्रदेश सरकार और बीसीसीआइ के बीच गृह मंत्रालय मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि उनकी सरकार मैच के लिए सुरक्षा बंदोबस्त नहीं कर सकती। इसके बाद मतभेदों को सुलझाना जरूरी है।

एक अधिकारी ने कहा, चिंता की बात है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने मैच के लिए सुरक्षा प्रदान करने में अपनी असमर्थता जताई है। इस आयोजन में दो देशों के खिलाड़ी शामिल हैं। हम राज्य सरकार को मनाने का प्रयास करेंगे। इससे पहले वीरभद्र सिंह ने शिमला में कहा था कि उन्होंने इस मामले में अपनी सरकार की ओर से गृह मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि अगर मैच धर्मशाला में होता है तो यह हिमाचल प्रदेश की जनता की इच्छा के खिलाफ होगा। उन्होंने कहा, अगर युद्ध में भाग ले चुके हमारे पूर्व सैनिक भारत-पाक मैच धर्मशाला में आयोजित नहीं होने देना चाहते तो हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ को इस बात को मानना चाहिए। वे मैच के आयोजन का विरोध नहीं कर रहे हैं। वे पाकिस्तान की टीम के हिमाचल प्रदेश में खेलने के खिलाफ हैं।

उधर बीसीसीआइ के सचिव और हिमाचल प्रदेश से लोकसभा सदस्य अनुराग ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार को कई महीने पहले से कार्यक्रम पता था और उन्होंने उस समय ऐसी कोई चिंता नहीं जताई। ठाकुर ने कहा कि इस मामले में प्रदेश सरकार को ‘राजनीति’ नहीं करनी चाहिए। ठाकुर ने पत्रकारों से कहा, विश्व कप मैचों के आयोजन स्थलों का फैसला एक साल पहले हो गया था। मैचों का आबंटन छह महीने पहले हुआ था। हर जगह से लोगों ने बुकिंग करा ली है और ऐन मौके पर ऐसे बयान देना सही नहीं है।

उन्होंने कहा, वीरभद्र सरकार राजनीति कर रही है। असम में दक्षिण एशियाई खेलों के दौरान सैकड़ों पाकिस्तानी खिलाड़ियों को सुरक्षा दी गई थी तो हिमाचल प्रदेश सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थता जताकर आप पाकिस्तान के दावों को आधार दे रहे हैं कि उनकी टीम की सुरक्षा को भारत में खतरा है। यह देश की छवि की बात है और इस पर राजनीति नहीं की जा सकती।

इस बीच बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर ने मंगलवार को कराची में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख शहरयार खान से फोन पर बात करके उन्हें आइसीसी प्रतियोगिता के दौरान उनके खिलाड़ियों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया। पीसीबी अधिकारियों के अनुसार मनोहर ने शहरयार से बात की। एक अधिकारी ने कहा, मनोहर ने हर मसले पर विस्तार से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि बीसीसीआइ सभी ताजा घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है। उन्होंने शहरयार से कहा कि बीसीसीआइ सचिव अनुराग ठाकुर, जो टूर्नामेंट के निदेशक भी हैं, भी धर्मशाला के हैं और इस मसले से निबट लेंगे।

एक अन्य सूत्र ने बताया कि मनोहर ने पीसीबी प्रमुख को पाकिस्तानी टीम और भारत दौरे पर आने वाले मीडियाकर्मियों को सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया। सूत्रों ने कहा, यह फोन ऐसे समय में आया है जबकि पीसीबी भारतीय मीडिया की इन रिपोर्टों से चिंतित थी कि राज्य सरकार और अन्य राजनेता नहीं चाहते कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपना टी-20 मैच धर्मशाला में खेले।

सोमवार को पीसीबी के चेयरमैन शहरयार खान ने कहा था कि विश्व टी-20 में पाकिस्तानी टीम की सुरक्षा सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) और भारत सरकार दोनों की जिम्मेदारी है। खान ने लाहौर में मीडिया से कहा कि पीसीबी विश्व टी 20 की सभी घटनाओं और पाकिस्तान की इसमें भागीदारी पर करीब से निगाह रख रहा है। भारत में पाकिस्तानी टीम की सुरक्षा चिंताओं के बारे में पूछने पर खान ने कहा, हमारी सरकार ने इस शर्त पर टीम को भारत भेजने की अनुमति दी है कि वहां हमारे खिलाड़ियों के लिए सुरक्षा की चिंता नहीं है।