दो-दो सरकारी आवास को लेकर मचे विवाद पर नीतीश ने कहा ‘मेरे पास दो आवास नहीं है। मुझे एक आवास भूतपूर्व मुख्यमंत्री के नाते मिला है। यह व्यवस्था लगभग सभी राज्यों में है। भूतपूर्व मुख्यमंत्री को जीवनपर्यन्त आवास दिया जाता है। इसी आवास की वजह से मैं पटना का वोटर बना। दूसरा आवास बिहार के मुख्यमंत्री का है। एक अणे मार्ग मुख्यमंत्री का आवास है। किसी व्यक्ति का नहीं। मैं एक आदमी हूं। एक ही जगह रहूंगा।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम कहीं से भी काम कर सकते हैं। मेरी उर्जा शक्ति का इस्तेमाल राज्य के हित में कराइये।’
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नीतीश ने इसे गलत रूप से पेश किये जाने की बात करने और बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकारी आवास तो वे भी रखते हैं जिनका पटना में निजी आवास है।
बिहार के पिछले राजग शासनकाल में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री रहे सुशील ने दो बंगले आवंटित कराने पर नीतीश को पत्र लिखकर जानना चाहा है कि क्या अब वे एक साथ दो-दो बंगले में रहेंगे।
सुशील ने पूछा है कि पटना के 1 अणे मार्ग स्थित बंगला जहां मुख्यमंत्री आवास के लिए पहले से आवंटित हैं। वहीं, क्या पूर्व मुख्यमंत्री के लिए निर्धारित 7 सर्कुलर रोड स्थित बंगले का भी आवंटन आश्चर्य में डालने वाला नहीं है।