महाराष्ट्र के पुणे में खुद को ‘कूरियर डिलीवरी एजेंट’ बता कर एक व्यक्ति ने जिस तरह के अपराध को अंजाम दिया, उसने शहरों-महानगरों में विकसित हो रही एक नई आपराधिक शैली को लेकर सबको चिंता में डाला है। गौरतलब है कि एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को सामान पहुंचाने वाला बताया और इस बहाने एक युवती के घर में घुस कर उससे बलात्कार किया। यही नहीं, उसने जबरन पीड़ित युवती के साथ अपनी तस्वीर ली और किसी को बताने पर उसे सब जगह प्रसारित कर देने और दोबारा आने की धमकी दी।

इस घटना ने कोई काम करने या सामान पहुंचाने घर में आने वाले लोगों को लेकर एक नई आशंका खड़ी कर दी है। ऐसा लगता है कि किसी बेहद सुरक्षित मानी जाने वाली जगह पर भी आपराधिक मानसिकता वाले व्यक्ति की पहुंच हो सकती है या फिर कोई अचानक अपराधी की शक्ल में तब्दील हो सकता है। अस्पताल के सघन चिकित्सा कक्ष में उपचाराधीन युवती का कोई कैसे यौन उत्पीड़न करने का साहस कर लेता है?

पुणे की आइटी पेशेवर युवती से बलात्कार करने वाला जब यह कहता है कि वह दोबारा आएगा, तो इससे साबित होता है कि आपराधिक मानसिकता के किसी व्यक्ति का दुस्साहस स्त्रियों के खिलाफ मनमानी करने से आगे बढ़ कर उनके आत्मसम्मान को गहरी ठेस पहुंचाने तक पहुंच गया है। यह न केवल कानून व्यवस्था के नाकाम होने का सबूत है, बल्कि हमारी सामाजिक जागरूकता भी कठघरे में है।

यह कोई छिपा तथ्य नहीं है कि यौन हिंसा के ज्यादातर मामलों में इंसाफ मिलने की हकीकत क्या है। ग्रामीण इलाकों में आमतौर पर ऐसे मामलों को दबाने और रफा-दफा करने की कोशिश होती है। ऐसे में अपराधियों का दुस्साहस बढ़ता है। जबकि महिलाओं के लिए अपने खिलाफ ऐसे अपराध छिपाने का मामला नहीं होना चाहिए।

अधिकतर अपराधी स्त्री की इसी भावनात्मक कमजोरी का फायदा उठाते हैं। पिछले कुछ वर्षों से महिलाओं के यौन उत्पीड़न का वीडियो बना कर उसे प्रसारित कर देने और पीड़िता को मुंह बंद रखने की धमकी देने की घटनाएं सामने आने लगी हैं। यह नई आपराधिक प्रवृत्ति है, जिससे निपटने के लिए ऐसे अपराध के खिलाफ मुखर होना पड़ेगा।