दशकों की दुश्मनी भुलाते हुए अमेरिका और क्यूबा ने एक दूसरे की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। निश्चय ही यह दोनों देशों के रिश्तों में ऐतिहासिक मोड़ है। क्यूबा की बाबत यह अमेरिकी विदेश नीति के एक नए अध्याय की शुरुआत है। बाकी दुनिया के लिए भी यह घटना बहुत मायने रखती है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के अब कुछ ही दिन रह गए हैं। जब भी उनकी विरासत की चर्चा होगी, क्यूबा से अमेरिका के राजनयिक संबंधों की बहाली और मेल-मिलाप को उनके एक बड़े काम के तौर पर रेखांकित किया जाएगा। ओबामा की क्यूबा यात्रा यह बताती है कि आपसी रिश्तों में शीतयुद्ध के बोझ को दोनों देशों ने उतार फेंका है। इसका कुछ श्रेय पोप फ्रांसिस को भी जाता है, जिन्होंने क्यूबा के प्रधान पादरी जैम लुकास ओर्टेगा के साथ मिल कर इस मेल-मिलाप की पृष्ठभूमि तैयार करने में अहम भूमिका भूमिका निभाई।

ओबामा हवाना गए तो ओर्टेगा से मिलना और उनका आभार जताना नहीं भूले। ओबामा की इस यात्रा को लेकर जितना उत्साह क्यूबा के राजनीतिक नेतृत्व में दिखा उतना ही वहां के आम लोगों में भी। क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो ने पैलेस आॅफ रिवोल्यूशन में ओबामा का भव्य स्वागत किया। राउल कास्त्रो 1959 में अमेरिका समर्थित सरकार को उखाड़ फेंकने वाले फिदेल कास्त्रो के छोटे भाई भी हैं। ओबामा के सम्मान में गार्ड आॅफ आॅनर पेश किया गया, वहीं ओबामा जब हवाना की सड़कों पर घूमने निकले तो जगह-जगह किनारे खड़े लोगों ने उनके प्रति उत्साह और सम्मान प्रदर्शित किया।

अट्ठासी साल में पहली बार किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्यूबा की धरती पर कदम रखे हैं। इससे पहले, 1928 में तब के अमेरिकी राष्ट्रपति काल्विन कूलिज वहां गए थे और उनका भी इसी तरह गर्मजोशी से स्वागत हुआ था। पर 1959 की क्यूबाई क्रांति के बाद से अमेरिका और क्यूबा के संबंध न केवल तनाव भरे बल्कि दो साल पहले तक शत्रुतापूर्ण भी रहे।
‘यस वी कैन’ (हां हम कर सकते हैं) के नारे के साथ ओबामा सत्ता में आए थे। उन्हें लगातार दो कार्यकाल मिले। कई मामलों में उनसे बांधी गई अपेक्षाएं पूरी नहीं हुर्इं, कई मामलों में आंशिक रूप से ही उम्मीद पूरी हुई, पर बेशक अमेरिकी विदेश नीति को उन्होंने अधिक परिपक्व बनाया। ईरान के बाद यह दूसरा उदाहरण है जिसमें धुर और चिर विरोधी को दोस्ती की राह पर लाने में ओबामा को कामयाबी मिली है। कई आपसी समझौते भी बदलते रिश्तों के गवाह बने हैं।

अमेरिका ने क्यूबा को ‘आतंक फैलाने वाले देशों की सूची’ से बाहर कर दिया है। अमेरिकी पर्यटकों के क्यूबा जाने पर चला आ रहा प्रतिबंध ओबामा प्रशासन ने हटा लिया है। व्यावसायिक उड़ानें शुरू करने पर रजामंदी हो गई है। दोनों देश कृषिक्षेत्र में शोध और नवोन्मेष में सहयोग करेंगे। फ्लोरिडा से महज नब्बे किलोमीटर दूर क्यूबा में गूगल वाईफाई और ब्राडबैंड सेवाओं के विस्तार में मदद करेगा। पर 1959 से क्यूबा पर लगे आर्थिक प्रतिबंध अभी पूरी तरह हटे नहीं है। इन्हें हटाने की मांग क्यूबा ने की है। दूसरी तरफ ओबामा से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे क्यूबा में मानवाधिकार उल्लंघन, इंटरनेट और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मुद््दे उठाएं। पर राष्ट्रपति के रूप में ओबामा के कार्यकाल के अब कुछ ही दिन रह गए हैं। इसलिए उनकी इस ऐतिहासिक पहल को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनके उत्तराधिकारी पर होगी।