अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बीस सूत्री शांति योजना की कुछ शर्तों पर हमास की ओर से सहमति जताना वास्तव में महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम है। इसे गाजा में शांति कायम होने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि इजराइल पहले ही इस योजना पर आगे बढ़ने को लेकर अपनी इच्छा जता चुका है। अब इजराइली सेना ने कहा है कि वह इस योजना के पहले चरण के लिए तैयारियां तेज करेगी। मगर, इजराइल की ओर से शनिवार को गाजा पर फिर हमला किए जाने की खबरों ने शांति के इन प्रयासों की राह में विरोधाभास पैदा कर दिया है।
यह तब हुआ है, जब हमास की सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका ने इजराइल को गाजा पर हमले तुरंत रोकने को कहा। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि इस ताजा हमले के पीछे स्थानीय कारण हो सकते हैं और इसे शांति के मार्ग में बाधा के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। मगर, ऊहापोह की इस स्थिति में इतना तय है कि अगर इजराइल और हमास एक-दूसरे पर फिलहाल हमले बंद करने का सैद्धांतिक तौर पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेते हैं, तो इस योजना पर आगे बढ़ना आसान नहीं होगा।
इजराइल के पक्ष में है ज्यादातर शर्तें
अमेरिकी प्रस्ताव पर हमास ने अपने बयान में कहा है कि वह बंधकों को रिहा करने और सत्ता अन्य फिलिस्तीनियों को सौंपने के लिए तैयार है। हालांकि, इस बयान में हमास के हथियार डालने के संबंध में कोई उल्लेख नहीं किया गया है, जो अमेरिकी प्रस्ताव में शामिल इजराइल की एक प्रमुख मांग थी। इसके साथ ही हमास ने प्रस्ताव की अन्य शर्तों पर कहा है कि इन्हें लेकर संगठन के भीतर कुछ विरोधाभास है, जिन पर विस्तृत चर्चा करने की जरूरत है।
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यानी हमास अभी इस प्रस्ताव पर पूरी तरह सहमत नहीं है। जाहिर है कि वह किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले प्रमुख शर्तों के तात्कालिक एवं दूरगामी प्रभावों और आशंकाओं का आकलन करना चाहता है। अब सवाल यह है कि इजराइल ने बिना देर किए अमेरिकी प्रस्ताव पर तत्काल सहमति कैसे और क्यों जता दी! इसका जवाब प्रस्ताव की शर्ताें में ही छिपा है। माना जा रहा है कि ज्यादातर शर्तें इजराइल के पक्ष में है और जहां उसे संदेह है, वहां कोई बीच का रास्ता निकालने की गुंजाइश बनी रहेगी।
इजराइल-हमास युद्ध में मरने वालों की संख्या 67,000 से अधिक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि गाजा में शांति की इस पहल को एक अवसर के रूप लिया जाना चाहिए और दोनों पक्षों को इस पर बिना किसी संकोच के आगे बढ़ना चाहिए। साथ ही इस बात पर जोर दिया है कि अगर इजराइल ने गाजा में बमबारी तुरंत नहीं रोकी, तो शांति की कोशिशें पटरी से उतर सकती हैं।
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ऐसे में जानकारों का कहना है कि इस तरह के हमले जारी रहने से शांति योजना को जमीन पर उतारना आसान नहीं होगा। इसलिए जरूरी है कि दोनों पक्षों की ओर से धैर्य और संयम बरता जाए। इजराइल और हमास के बीच करीब दो वर्षों से जारी युद्ध में मरने वालों की संख्या 67,000 से अधिक हो गई है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। इसलिए जरूरी है कि मानवीय संवेदनाओं को केंद्र में रखकर इस युद्ध को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएं।