खसरे का संक्रमण एक बार फिर अपने पांव तेजी से पसार रहा है। यह किसी एक देश की बात नहीं, बल्कि दुनिया भर में खसरे के मामले बढ़ रहे हैं। इससे संबंधित एक हालिया रपट ने विश्व भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। इसके मुताबिक, वर्ष 2023 में पूरी दुनिया में खसरे के एक करोड़ तीन लाख मामले सामने आए, जो 2022 की तुलना में 20 फीसद अधिक हैं। इसे अमेरिका, यूरोप, भारत और आस्ट्रेलिया सहित कई देशों के लिए नई चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
खसरा सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित करता है और इसे टीकाकरण से रोका जा सकता है। मगर सवाल यह है कि जब दुनिया भर में इस संक्रमण का टीका वर्षों से उपलब्ध है, तो इसकी चाल फिर तेज क्यों हो रही है? इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें वैश्विक स्तर पर खसरे से निपटने के उपायों में ढिलाई से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
गौर करने वाली बात है कि खसरे से बचने के लिए तैयार किया गया टीका वर्ष 1963 से ही दुनिया भर में उपलब्ध है और इसके प्रभावशाली नतीजे भी सामने आए हैं। मगर पिछले कुछ वर्षों में इसके संक्रमण के मामले बढ़ना भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के लिए एक चेतावनी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिका की स्वास्थ्य संस्था सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (सीडीसीसी) की रपट के अनुसार, भारत उन 57 देशों में से एक है, जहां वर्ष 2023 में खसरे के मामले बढ़े हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि वैश्विक स्तर पर इस संक्रमण के फैलने की घटनाएं 20 फीसद बढ़ी हैं।
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अमेरिका में तो वर्ष 2000 में खसरे के उन्मूलन की घोषणा कर दी गई थी, लेकिन पच्चीस साल बाद वहां की स्वास्थ्य संस्था सीडीसी ने इस साल जनवरी से मई तक देश में खसरे के 900 मामले सामने आने की पुष्टि की है। आस्ट्रेलिया में इस साल के शुरुआती पांच महीनों में खसरे के 77 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2024 में यहां कुल 57 मामले सामने आए थे। यूरोप में पिछले 25 वर्षों की तुलना में खसरे के सबसे अधिक मामले वर्ष 2024 में दर्ज किए गए।
मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि दुनिया भर में खसरे के टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा करने का वक्त आ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रपट में कहा गया है कि कोरोना महामारी भी खसरे का संक्रमण बढ़ने की एक वजह बनी है। उस दौरान लोगों का ध्यान कोरोना के टीके लगवा कर इससे बचने पर था। इससे खसरे का टीकाकरण प्रभावित हुआ। मगर, यह भी सच है कि कोरोना काल के बाद सरकारी स्तर पर खसरे के संक्रमण को रोकने को लेकर जो सक्रियता दिखाई जानी चाहिए थी, उसका अभाव रहा।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, खसरे से संक्रामित व्यक्ति कई लोगों में संक्रमण फैला सकता है। लिहाजा दुनिया के लिए यह सावधान होने की घड़ी है। व्यापक स्तर पर टीकाकरण के बिना इस बीमारी से सुरक्षा पाना मुश्किल है। इस रपट के सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सलाह दी है कि सभी देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों को टीके की दो-खुराक अवश्य मिले।