इजराइल और हमास के बीच दो वर्षों से चल रहे युद्ध पर फिलहाल विराम लग गया है। दोनों पक्ष शांति की राह पर लौट आए हैं। अमेरिका की ओर से तैयार की गई समझौता योजना के प्रथम चरण में हमास ने बीस बंधकों को रिहा कर दिया है और बदले में इजराइल ने उन्नीस सौ से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है। इसके साथ ही अब तक बारूदी आग की तपिश झेल रहे गाजा के नागरिकों ने भी राहत की सांस ली है। भारत और ब्रिटेन सहित कई देशों ने अमेरिका की इस पहल का स्वागत किया है।
वैश्विक नेताओं को उम्मीद है कि शांति समझौता अपने अंजाम तक पहुंच जाएगा, लेकिन इस प्रक्रिया में अभी कई अड़चनें साफ नजर आ रही हैं। हमास के निरस्त्रीकरण, गाजा के शासन और फिलिस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता देने जैसे जटिल मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं। ऐसे में इस पूरी कवायद को फिलहाल सिर्फ युद्ध रोकने के अस्थायी उपाय के तौर पर भी देखा जा रहा है।
अगले चरण तय होगा कि कितना सफल रहेगा शांति समझौता
शांति समझौते के अगले चरण कितने सफल रहेंगे, यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि प्रस्ताव में रखी गई अन्य शर्तों पर हमास किस तरह का रुख अपनाता है। क्या हमास गाजा का नियंत्रण किसी बाहरी ताकत के हाथों में सौंपने के लिए राजी होगा? जैसा कि शांति प्रस्ताव में कहा गया है। दूसरी तरफ गाजा से अपनी सेना पूरी तरह हटाने को लेकर इजराइल की ओर से भी अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई हामी नहीं भरी गई है। इस स्थिति में शांति समझौते के सिरे चढ़ने को लेकर अभी निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
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हालांकि, वैश्विक नेताओं का मानना है कि समझौते को लागू करने की शुरूआत अच्छी हुई और यह सकारात्मक दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इस समझौते ने युद्ध को प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया है और इसने पश्चिम एशिया में स्थायी शांति के द्वार खोल दिए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समझौता पूरी तरह लागू होगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि भारत इस क्षेत्र में शांति के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करता है।
कैदियों की रिहाई से गाजा में खुशी का माहौल
इजराइल की ओर से युद्ध रोकने और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई से गाजा में खुशी का माहौल तो है, लेकिन वहां की स्थिति अब भी दयनीय है। कई इलाके मलबे में तब्दील हो चुके हैं, अर्थव्यवस्था बर्बाद है और पुनर्निर्माण में वर्षों लग सकते हैं। इस युद्ध की शुरूआत सात अक्तूबर, 2023 को हमास के हमले से हुई थी, जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और कई नागरिकों को बंधक बना लिया गया था। इजराइल की जवाबी कार्रवाई में अब तक 67 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
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गाजा में आज भी लोग भोजन-पानी से लेकर स्वास्थ्य सहायता तक की बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। ऐसे में युद्ध विराम निश्चित तौर पर वहां के लोगों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। इससे गाजा में बाहरी मदद भेजने का रास्ता भी खुलेगा, जिसकी अभी नितांत जरूरत है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि इजराइल और हमास शांति की राह पर आगे बढ़ेंगे और गाजा के नागरिकों के जीवन में फिर से खुशहाली और समृद्धि लौटेगी।