अंतरराष्ट्रीय हाकी की दुनिया में भारत को जिस रूप में याद किया जाता है, उसमें इसकी टीम से किसी प्रतियोगिता में खिताबी जीत की उम्मीद स्वाभाविक है। ऐसे मौके भी आते रहे हैं, जिनमें भारतीय टीम ने किसी प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन पदक से थोड़ी दूरी रह गई। करीब आठ वर्ष के बाद बिहार के राजगीर में एशिया कप, 2025 के खिताबी मुकाबले में भारतीय टीम ने जिस दमखम का प्रदर्शन किया, उससे एक बार फिर हाकी में अतीत की यादें ताजा हो गईं, जब भारतीय टीम को हर विश्वकप में सबसे बड़ा दावेदार माना जाता था।

गौरतलब है कि रविवार को एशिया कप का फाइनल मैच भारत और दक्षिण कोरिया के बीच खेला गया। यों दक्षिण कोरिया को भी हाकी के मैदान में सबसे मजबूत टीमों में से एक माना जाता है और एशिया कप पर वह पांच बार कब्जा जमा चुका है। मगर भारत ने इस मैच में दक्षिण कोरिया को एक के मुकाबले चार गोल से हराया और एशिया कप के विजेता का खिताब अपने नाम किया। खास बात यह भी है कि न केवल अंतिम मुकाबले में, बल्कि इस पूरी प्रतियोगिता में भारतीय टीम ने अपने सारे मैच जीते।

भारतीय खिलाड़ियों ने एशिया कप में अपनी टीम के सर्वश्रेष्ठ होने का दावा

इस लिहाज से देखें तो भारतीय खिलाड़ियों ने एशिया कप में अपनी टीम के सर्वश्रेष्ठ होने का दावा सामने रखा है और टीम की विश्व स्तर पर स्थिति और मजबूत हुई है। निश्चित रूप से इस वर्ष के एशिया कप में भारतीय टीम की जीत की अपनी अहमियत है, लेकिन यह भी सच है कि भारत यह खिताब इससे पहले चार बार अपने नाम करा चुका है। मैच में खास बात यह रही कि इस मुकाबले में शुरू से ही नियंत्रण भारत की टीम ने अपने हाथ में रखा।

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यही वजह रही कि पहले ही मिनट में सुखजीत सिंह के शानदार गोल के बाद दक्षिण कोरिया की टीम एक तरह के मानसिक दवाब में आई और इसका असर समूचे मैच में दिखा। दक्षिण कोरिया पर मिली जीत को इस लिहाज से भी अहम माना जा सकता है कि इसी वजह से भारत को अगले वर्ष होने वाले हाकी विश्व कप में सीधे प्रवेश मिल जाएगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि विश्वकप और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारतीय हाकी टीम की यही धार बनी रहेगी।