पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत सावधानी से कदम आगे बढ़ा रहा है। सिंधु जल समझौते को निलंबित करने, हवाई मार्ग बंद करने जैसे फैसलों के बाद अब उसने पाकिस्तान से किसी भी प्रकार के आयात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। माना जा रहा है कि इससे पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक आघात पहुंचेगा। पहलगाम हमले के बाद से देश में आक्रोश है। सरकार भी लगातार बैठकों और मंत्रणाओं के जरिए यह संदेश देने का प्रयास कर रही है कि जल्दी ही वह पाकिस्तान के खिलाफ कोई निर्णायक और कड़ा कदम उठाएगी। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सार्वजनिक मंचों से भरोसा दिला चुके हैं कि वे दोषियों को कड़ी सजा दिला कर रहेंगे।

राष्ट्रीय जांच एजंसी इस हमले की गहन जांच कर रही है। खुफिया एजंसियों ने यह पता लगा लिया है कि आतंकियों ने किस प्रकार हमले को अंजाम दिया। इस हमले में शामिल स्थानीय आतंकियों के मकान ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई की गई है। पाकिस्तान से आए आतंकियों को साथ लेकर हमले को अंजाम दिया गया। पता चला है कि ये वे आतंकी ही थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान बड़ा हमला करने की योजना बनाई थी। दौरा टलने के बाद उन लोगों ने पहलगाम हमले को अंजाम दिया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुख्ता तरीके से अपनी बात रख रहा है भारत

शुरू में ही यह तथ्य सामने आ गया था कि पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा के एक आनुषंगिक संगठन का हाथ था, लेकिन पाकिस्तान हमेशा की तरह अपना हाथ होने से मना कर रहा है। पाकिस्तान की यह आदत रही है कि तमाम तथ्यों और दस्तावेजों के बावजूद उसने आज तक किसी भी घटना में अपनी जमीन के इस्तेमाल होने की बात कबूल नहीं की है। अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सामने पहलगाम हमले को लेकर भारत पुख्ता तरीके से बात रख रहा है।

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वहां की सेना और खुफिया एजंसी आइएसआइ की देखरेख में पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों को प्रशिक्षित करने के शिविर चलाए जा रहे हैं। स्पष्ट है कि पहलगाम हमले को लेकर जवाबी कार्रवाई की तैयारी भारत करेगा ही। यह देख अमेरिका और रूस समेत कई देश भारत और पाकिस्तान से तनाव और न बढ़ाने की अपील कर रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजंसी ने अपनी शुरूआती जांच में पाकिस्तान के खिलाफ कई तथ्य इकट्ठा किए हैं। यह छिपी बात नहीं है कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजंसी लगातार आतंकवाद को भारत के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करती रही हैं और उन पर नकेल कसने की मांग बार-बार उठती रही है।

दोनों देशों के बीच आवाजादी भी बंद

अपने दुश्मन को केवल बंदूक से परास्त नहीं किया जा सकता। आज की स्थिति में उस पर आर्थिक वार सबसे बड़ा हमला होता है। इस अर्थ में भारत का पाकिस्तान से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध ज्यादा कारगर साबित हो सकता है। हालांकि पाकिस्तान से सीधा कारोबार काफी कम हो गया था।

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सड़क मार्ग से तिजारत बहुत समय से बंद है, हवाई सेवाएं भी रुकी हुई हैं, पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच वाघा और अटारी सीमा से होने वाली आवाजाही भी बंद हो चुकी है, लेकिन दोनों देशों के बीच तीसरे मुल्क से कारोबार जारी था। भारत ने इस तरह के भी कारोबार पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही बहुत बुरी है, उस पर भारत का ताजा निर्णय गहरी चोट करेगा।