आखिरकार क्रिकेट को भी ओलंपिक खेलों में शामिल कर लिया गया है। इसकी घोषणा अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने मतदान के बाद की। दो को छोड़ कर सभी देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया। इस फैसले से स्वाभाविक ही क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह है। क्रिकेट का खेल जिस तरह दुनिया भर में लोकप्रिय हो चुका है, उसमें इसके ओलंपिक में शामिल न रहने को लेकर लंबे समय से निराशा जताई जा रही थी। हालांकि क्रिकेट से संबंधित कई विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाती हैं। विश्वकप का आयोजन भी होता है। इसके बावजूद चूंकि ओलंपिक की अपनी गरिमा है, इसलिए खेल प्रेमी और खुद क्रिकेट खेलने वाले भी ओलंपिक प्रतिस्पर्धा में इसे शामिल करने के पक्षधर थे।
सन 1900 में पेरिस ओलंपिक में क्रिकेट खेला गया था
हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब क्रिकेट को ओलंपिक खेलों में शुमार किया गया। सन 1900 में पेरिस ओलंपिक में क्रिकेट खेला गया था, जिसमें इंगलैंड ने फ्रांस को हराया था। अब 2028 में लास एंजिलिस में होने वाले ओलंपिक में फिर से क्रिकेट की प्रतिस्पर्धा हो सकेगी। अभी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति इसका स्वरूप तय करेगी, पर यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इसमें केवल छह महिला और छह पुरुष टीमें हिस्सा लेंगी।
दरअसल, ओलंपिक प्रतिस्पर्धा में क्रिकेट को शामिल न करने को लेकर सबसे बड़ी अड़चन इसे खेले जाने की अवधि के मद्देनजर रही है। ओलंपिक में खेले जाने वाले सभी खेल छोटी अवधि के होते हैं, मगर क्रिकेट में पूरा दिन लग जाता है। अगर कभी मौसम खराब हो गया तो खेल को टालना भी पड़ता है। फिर ओलंपिक खेलों का मकसद पुराने, स्थानीय और पारंपरिक खेलों को संरक्षण प्रदान करना, उनमें नए खिलाड़ियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करना रहा है, इसलिए व्यावसायिक लोकप्रिय खेलों को उसमें शामिल करने से परहेज किया जाता रहा है। इसलिए भी क्रिकेट को इसमें शामिल करने को लेकर कभी गंभीरता नहीं दिखाई गई।
मगर ओलंपिक के छोटे स्वरूप वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में क्रिकेट को शामिल कर लिया गया, तो स्वाभाविक रूप से ओलंपिक समिति पर इसके लिए दबाव बना। फिर जब ओलंपिक संघ ने इंटरनेट माध्यमों पर खेले जाने वाले बिल्कुल नए तरह के खेलों की प्रतिस्पर्धा को भी मान्यता दे दी है, तो क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल को इससे बाहर रखने का औचित्य नहीं रह गया था। क्रिकेट के साथ चार अन्य नए खेलों को भी ओलंपिक प्रतिस्पर्धाओं में शामिल होने की मान्यता दी गई है।
क्रिकेट और फुटबाल दो ऐसे खेल हैं, जिनके प्रति दुनिया भर में दीवानगी देखी जाती है। फुटबाल पहले से ओलंपिक में शामिल है। इस तर्क से भी क्रिकेट को इसमें शामिल करने की मांग जायज थी। ये दोनों खेल अब केवल मनोरंजन का साधन और खिलाड़ियों के कौशल की परख के माध्यम नहीं, बल्कि कमाई का बड़ा साधन भी बनते गए हैं। जितने प्रायोजक इन खेलों को मिलते हैं, उतने किसी खेल को नहीं मिलते। इस तरह इनकी प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन करने वाली समितियां धनी खेल समितियों में शुमार हैं।
ओलंपिक में शामिल होने से वहां भी इनके प्रायोजकों की संख्या बढ़ेगी। मगर अब भी यह प्रश्न अपनी जगह बना हुआ है कि क्रिकेट मैच को किस तरह व्यवस्थित किया जाएगा, जिससे ओलंपिक का अधिक समय खर्च न हो। मगर अब जिस तरह क्रिकेट में बीस ओवर की प्रतिस्पर्धा भी लोकप्रिय होती गई है, इसके समय को व्यवस्थित करना कठिन नहीं होगा। फिलहाल क्रिकेट का ओलंपिक में शामिल होना इसका बड़ा सम्मान है।