मनुष्य के शरीर का सबसे जटिल हिस्सा मस्तिष्क है। यह शरीर के बाकी हिस्सों पर कैसे नियंत्रण रखता है, यह कौतूहल ही नहीं, शोध का विषय भी रहा है। मानव मस्तिष्क के विकास को समझने के लिए वर्षों से अध्ययन होते रहे हैं। मगर दिमाग की गहरी परतों में उतर कर गुत्थियां सुलझाना इतना आसान नहीं रहा। भारत के लिए गर्व की बात है कि वह दिमाग की सामान्य संरचना से आगे बढ़ कर भ्रूण के मस्तिष्क के बारीक खंडों को देखने में समर्थ हो गया है।
आईआईटी मद्रास ने किया रिसर्च
यों मस्तिष्क संबंधी जटिलताओं के लिए हमारे पास एमआरआइ जैसी तकनीक पहले से है। वहीं मस्तिष्क की गतिविधियों को जानने के लिए ‘ब्रेन मैपिंग’ तकनीक भी है। मगर अब हम इस दिशा में कई कदम आगे बढ़ गए हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास ने आधुनिक ब्रेन मैपिंग तकनीक से भ्रूण के मस्तिष्क की विस्तृत थ्री डी तस्वीर जारी कर सभी को चौंका दिया है।
दुनिया में पहली बार हुआ ऐसा
यह दुनिया में पहली बार है, जब अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से 5,132 मस्तिष्क खंडों को डिजिटल तस्वीरों में उतारा गया है। प्रौद्योगिकी सीमाओं से परे जाकर हमारे वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं ने चिकित्सा विज्ञान में इतिहास रच दिया है। आइआइटी, मद्रास अब एलन मस्तिष्क संस्थान की कतार में आ गया है।
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यह इस मायने में भी बड़ी उपलब्धि है कि अब भ्रूण के विकास के पहले चरण में ही बीमारियों का जल्द पता लग जाएगा। वहीं मस्तिष्क संबंधी तमाम विकारों पर नियंत्रण आसान होगा। मस्तिष्क खंड की छोटी से छोटी डिजिटल तस्वीरें तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रहे चिकित्सकों की सहायता करेंगीं। इससे वे सटीक उपचार कर सकेंगे।
मस्तिष्क कैंसर, ट्यूमर जैसी बीमारियों के तह तक जाना अब मुश्किल नहीं
उम्मीद कर सकते हैं कि मस्तिष्क कैंसर, ट्यूमर और मिर्गी के साथ तमाम बीमारियों और मनोविकारों की तह में जाने में अब मुश्किल नहीं होगी। तकनीक के इस नए विस्तार के बाद मरीजों को बेहतर और शीघ्र इलाज मिलने की उम्मीद है। वहीं ब्रेन मैपिंग होने से किसी गंभीर अपराध में पकड़े गए आरोपियों की दिमागी हलचल को बारीकी से समझा जा सकेगा।
इसमें कोई दो राय नहीं कि भारत अब मस्तिष्क मानचित्रण में अमेरिका के समकक्ष है। निश्चित रूप से भारतीय अनुसंधानकर्ताओं ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ा है।