Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास हुई भीषण विमान दुर्घटना ने देश को झकझोर दिया है। उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद हुई इस दुर्घटना से जांचकर्ताओं और विमानन विशेषज्ञों के सामने कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। भारत में पिछले दशकों में कई हवाई दुर्घटनाएं देखी गई हैं। हरेक हादसे के बाद विमानन क्षेत्र में सुरक्षा के नए मानकों को लेकर मंथन हुआ है और जरूरी बदलाव किए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक छानबीन के तय मानक हैं और सुझावों को हर देश को मानना होता है। सवाल उठता है कि अहमदाबाद में क्या हुआ। हादसे के जो वीडियो सामने आए हैं, उनसे स्पष्ट है कि विमान उड़ते समय नीचे गिरा। अचानक विमान की बिजली ठप हो जाने से ऐसा होता है। इससे इंजन बंद हो जाते हैं, लेकिन इस बात की कम संभावना होती है कि किसी विमान के दोनों इंजन एक साथ बंद हो जाएं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस हादसे में एक बात खटकने वाली है। विमान के उड़ान भरते ही लैंडिंग गियर को ऊपर उठा दिया जाता है, लेकिन इसका लैंडिंग गियर नीचे था। संभव है कि पायलट को इंजन में खराबी का पता चला हो और उसने संभालने की कोशिश की हो।
दरअसल, विमान का उड़ान भरना और उतरना उड़ान का सबसे खतरनाक चरण होता है। जब यह हादसा हुआ, तब विमान 625 फुट की ऊंचाई पर था, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या चालक दल किसी एक ही समस्या से निपट रहा था या एक साथ कई समस्याओं से। हादसे का शिकार हुआ विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था जो चौड़े आकार वाला और दो इंजन से लैस होता है। जब जांच होगी तो पहला सवाल यही पूछा जाएगा कि यह विमान उड़ान भरने के लिए सही ढंग से तैयार था या नहीं।
जेट विमानों में कई सहयोगी प्रणालियां होती हैं जिसमें केवल एक इंजन के साथ ऊपर चढ़ने की क्षमता भी शामिल होती है। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि एअर इंडिया के इस विमान ने कितनी उड़ानें पूरी की थीं। फ्लाइट रडार24 के आंकड़ों के मुताबिक, यह विमान एक दशक से भी ज्यादा पुराना था। बोइंग के ड्रीमलाइनर को लेकर अतीत में सुरक्षा संबंधी चिंताएं सामने आई थीं, लेकिन कभी दुर्घटना नहीं हुई थी।
भारतीय वायु क्षेत्र में पिछला बड़ा हादसा 2020 में हुआ था, जब एअर इंडिया एक्सप्रेस की सहायक कंपनी का एक यात्री विमान केरल में बारिश से भीगे रनवे पर फिसल गया और दो टुकड़ों में टूट गया। कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2010 में, एअर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान मैंगलोर में एक पहाड़ी रनवे से फिसल गया था। विमान में आग लग गई थी, जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
यह वह दौर था, जब भारत के तेजी से बढ़ते विमानन क्षेत्र में सुरक्षा और व्यावसायिकता को लेकर कई स्तर पर लोग चिंतित थे। अब स्थिति सुधरने लगी थी और विमानन क्षेत्र ने करवट लेनी शुरू की थी। सरकार ने उड़ान समेत कई नई योजनाएं शुरू कीं। ऐसे में बड़े हादसे से समूची कवायद ठिठक जाएगी। उठे सवालों पर मंथन कर आगे बढ़ना होगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि झकझोर देने वाले इस हादसे से विमानन कंपनियों समेत तमाम पक्ष सबक लेंगे और सुरक्षा की सौ फीसद गारंटी दी जा सकेगी।