आखिरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सोमनाथ भारती को इस तरह भागते फिरने के बजाय पुलिस के साथ सहयोग करना चाहिए। भारती के खिलाफ उनकी पत्नी ने घरेलू हिंसा और हत्या के प्रयास की शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारती की अग्रिम जमानत संबंधी याचिका रद्द कर दी। उसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। पुलिस उन्हें तलाश रही है, पर वे छिप गए हैं। भारती पिछली दिल्ली सरकार में कानून मंत्री रह चुके हैं। आम आदमी पार्टी ने चूंकि दोनों बार दिल्ली के चुनावों में महिलाओं की सुरक्षा को बड़ा मुद््दा बनाया, लिहाजा भारती के इस आचरण से स्वाभाविक ही उसे शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है।

शुरू में जब भारती की पत्नी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया तब आम आदमी पार्टी उसे उनका व्यक्तिगत मामला बता कर कुछ कहने या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने से बचती रही। इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि भारती के मामले पर चूंकि अदालत विचार कर रही थी, इसलिए पार्टी अपनी ओर से उन्हें दोषी करार नहीं देना चाहती होगी। पर आखिरकार केजरीवाल शर्मसार हुए और भारती से पिंड छुड़ाने में ही भलाई समझी। पर यह इलहाम होने में उन्हें इतना वक्त क्यों लगा? वे राजनीति को साफ-सुथरा बनाने का संकल्प लेकर आए थे। पर अपने आरोपियों का अंत तक बचाव करने की कोशिश की। जब यह संभव नहीं रहा और लगा कि खुद डूबने वाले उन्हें भी ले डूबेंगे, तभी उन्होंने अपने कदम वापस खींचे।

इसके पहले जितेंद्र सिंह तोमर के फर्जी डिग्री मामले में आम आदमी पार्टी ने तोमर का बचाव करने की कोशिश की थी, मगर आखिरकार मानना पड़ा कि दाल में कुछ काला है। फिर पार्टी ने तोमर से नाता तोड़ लिया, यह कहते हुए कि वह धोखा खा गई थी। भारती से भी पार्टी पिंड छुड़ाने की सोच रही है। मगर यह काम तो उसे बहुत पहले ही करना चाहिए था। यह उस पार्टी का हाल है जो टिकट देने से पहले हर तरह से जांच-पड़ताल करने का दावा करती है। यों आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार-विरोधी आंदोलन से निकली है। मगर पूर्ण बहुमत से सरकार बनने के बाद जिस तरह उसके कई नेताओं पर अनियमितताओं के आरोप लगने शुरू हुए उससे पार्टी की साख पर असर पड़ा है।

अगर अरविंद केजरीवाल पार्टी की खोई प्रतिष्ठा वापस लाना चाहते हैं तो उन्हें उन मूल्यों और सिद्धांतों की स्थापना के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए, जो उनके अड़ियल या फिर कुछ पक्षपातपूर्ण रवैए के चलते धूमिल होने लगे हैं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इसलिए भी दूर होते गए कि केजरीवाल अपने लोगों पर लगे आरोपों की बाबत कार्रवाई की मांग टालते रहे।

भारती मामले में उन्होंने उचित बयान दिया है, पर काफी देर से। सोमनाथ भारती को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार होगा, इसलिए भागे फिर रहे हैं। पर आम आदमी पार्टी को इसका क्यों इंतजार होना चाहिए। उसके सामने भारती के प्रति अपना कड़ा रुख जाहिर करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का निर्णय पर्याप्त है।

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