दीप्ति अंगरीश
माना कि समय की जरूरत है शांति और धीरज के साथ कोरोना का सामना करने का। लेकिन इस दौर में भी प्रेम करना कहां मना है? बल्कि यों कहें कि इस दौर में प्रेम और भी अधिक जरूरी है। प्रेम से संबल मिलता है। संबल सामर्थ्य की राह प्रशस्त करता है। ऐसे में अगर हम चाहते हैं कि हमारे रिश्ते हमेशा खिलते रहें, महकते रहें, आपस में चटक रंग बना रहे, हमारी बगिया भी चहके, तो इसके लिए एक साथी की दरकार होगी। साथी ऐसा जो हमारे मन की हर आवाज सुने। यानी हम जुबान से कुछ कहें नहीं कि उससे पहले साथी उसे समझ जाए। यों ऐसा प्रेम एकतरफा नहीं, दोतरफा होना चाहिए। बचपन से हम यही सुनते हैं कि ताली हमेशा दो हाथ से ही बजती है। बिजली का करंट भी तभी सकारात्मक काम करता है, जब ‘निगेटिव’ और ‘पॉजीटिव’ कनेक्शन एक साथ हो।

सच यह है कि ऐसे विरले ही होते हैं, जिन्हें सचमुच का प्यार नसीब हो। कोई प्यार की तलाश में भटक रहा हो तो बेफिक्र होकर उसे ‘कोरोना’ से प्यार करना चाहिए। यह सुनने में किसी को भी अजीब लगेगा। लेकिन यह सच है। हाल ही में कई डेटिंग ऐप इस संबंध में आगे आए हैं। दरअसल, मामला सिर्फ इस प्यार तक सीमित नहीं है। इसके पीछे कोविड-19 के टीके को बढ़ावा देना है, ताकि संसार जल्द से जल्द कोरोना से मुक्त हो और उन्मुक्त हवा में बेखौफ और पाबंदियों रहित अपनों के साथ जिए। अगर यह मकसद हासिल हो पाए तो वाकई इन डेटिंग ऐप की पहल खास है। जितनी जागरूकता का प्रसार होगा, उतना ही हम सभी कोरोना की जंग लड़ पाएंगे। खबर यह भी आई है कि कोरोना टीका डेटिंग के लिए अब जरूरी चीज बन गई है। कई डेटिंग ऐप प्रोफाइल पर टीकाकरण की स्थिति को लागू करने वाले हैं। इनमें से कुछ ऐप प्रोफाइल पर टीके लगवा लेने की स्थिति अगले कुछ हफ्ते के भीतर शर्त बना देंगे। उम्मीद है कि आभासी दुनिया में हो रही ऐसी पहलकदमी की तरह ऐसी चेतना देश के आम लोगों के बीच भी फैले।

आखिर प्यार हर कोई करता है और करना चाहता है। खुले विचारों से इस बाबत हम सोचेंगे तो डेटिंग ऐप की यह पहल सराहनीय लगेगी। यह एक प्रकार से टीकाकरण को बढ़ावा देने की पहल ही है। जाहिर है, जब एक बार इसकी शुरुआत हो जाएगी तो इसका विस्तार भी होगा। आखिर यहां वैवाहिक विज्ञापन वाले वेबसाइटों से लेकर सोशल मीडिया में एक बड़ी जनसंख्या प्यार की तलाश करती है। हालांकि अगर किसी के इलाके में अभी भी पूर्णबंदी चल रही है तो यह लोगों को घूमने-फिरने की आजादी नहीं देगा। पर बंद घरों में बैठ कर प्यार की खोज में टीकाकरण मदद जरूर कर सकता है।

हालांकि इस समय यह ‘कैद’ नितांत जरूरी है। इसे ‘मीठी कैद’ कह सकते हैं। हाल ही में दुनिया के सबसे विकसित देशों का सरताज अमेरिका ने इसे स्वीकारा है। कारण सिर्फ अमेरिका में टीकाकरण को बढ़ावा देना है। अमेरिका के वाइट हाउस की ओर से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कोविड टीका लेने से प्रेमियों को स्वस्थ रखने के अलावा और भी बहुत कुछ मिल सकता है। यहां यह भी गौर करने लायक है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चार जुलाई तक देश के सत्तर फीसद युवाओं को टीके की एक खुराक देने का लक्ष्य रखा है। हालांकि एक सर्वेक्षण में अठारह से चौंतीस साल के बयालीस प्रतिशत वयस्कों का कहना है कि टीका लेने में उनकी दिलचस्पी नहीं है। वाइट हाउस के मुताबिक एक डेटिंग ऐप की ओर से पेश किए जा रहे अतिरिक्त प्रोत्साहनों में उपयोगकर्ताओं को ‘सुपर लाइक फीचर’ तक पहुंच मिलती है। उन्हें संभावित जोड़ों से अलग खड़े होने में मदद मिलती है। ये ऐप उपयोगकतार्ओं को यह पता लगाने में भी मदद करेंगे कि उन्हें कहां टीका मिल सकता है।

गौरतलब है कि एक ऐप के शोध के मुताबिक जिन लोगों को टीका लगाया गया है या उनकी टीकाकरण की योजना है, उन्हें टीका में दिलचस्तपी नहीं रखने वाले लोगों की तुलना में चौदह फीसद तक अधिक जोड़े मिलते हैं। उस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि ‘मैंने टीका लगवा लिया है’ वाक्य के इस्तेमाल में जनवरी के मुकाबले मई में चौदह सौ फीसद की वृद्धि हुई। एक जानकारी के अनुसार ऐप का इस्तेमाल करने वाले दस में से सात ने बताया कि वे टीका लेंगे और सिर्फ सात प्रतिशत लोगों ने ही कहा कि वे वैयक्तिक रूप से डेटिंग के लिए सहज नहीं हैं।

निश्चित रूप से कोरोना पर किसी का वश नहीं है। लेकिन टीका और प्रेम के लिए तो युवा आगे बढ़ ही सकते हैं। जीवन में प्यार है, तो बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। मनपसंद साथी के साथ चलना हरेक के मन को भाता है। एक से भले दो। दो मिल जाएं और अपने आसपास की दुनिया को अपने हिसाब से जीने की शुरुआत करें। इस दौर के बाद हरेक को नई शुरुआत करनी होगी।