भारत और अमेरिका जैसे देश पाकिस्तान के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को यूएन की वैश्विक आतंकी (ग्लोबल टेररिस्ट) की सूची में शामिल किया जाना था। लेकिन एक बार फिर से चीन ने अपने वीटो पॉवर को इस्तेमाल में लाते हुए आतंकी को बचा लिया। इससे पहले चीन ने मसूद अजहर को भी इसी तरह बचा चुका है। बता दें कि, रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए भारत-अमेरिका दोनों मिलकर प्रस्ताव लाए थे।
कौन है आतंकी अब्दुल रहमान मक्की: पाकिस्तान का आतंकी अब्दुल रहमान मक्की, मुंबई हमलों 26/11 के साजिशकर्ता हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद दावा का सदस्य है। हाफिज सईद का बहनोई मक्की इस्लामिक वेलफेयर संस्थान अहल-ए-हदीस व लश्कर-ए-तैयबा से भी जुड़ा हुआ है। 2017 में, उसके बेटे, ओवैद रहमान मक्की को जम्मू और कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा ऑपरेशन में मार दिया गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने मक्की को विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में नामित किया है।
कैसे घोषित होता है वैश्विक आतंकी: किसी भी शख्स को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद करती है। इसके लिए किसी भी देश द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत प्रस्ताव पेश किया जाता है। बता दें कि, सुरक्षा परिषद में 5 देश स्थायी सदस्य होते हैं जबकि 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। किसी को भी वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए 5 स्थायी सदस्यों की सहमति आवश्यक होती है। यदि इन स्थायी सदस्य देशों में से एक ने भी असहमति दर्ज कराई तो प्रस्ताव गिर जाता है।
क्या है वीटो पॉवर: वीटो लैटिन भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ ”निषेध करना” होता है। वीटो पॉवर प्राप्त कोई भी देश आधिकारिक कार्रवाई को एकतरफा तरीके से रोकने की शक्ति रखता है। आसान भाषा में समझा जाए तो मक्की के मामले में भारत और अमेरिका दोनों यह संयुक्त प्रस्ताव यूएन में लेकर पहुंचे थे। दोनों देश चाहते थे कि अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किया जाए, लेकिन चीन ने वीटो पॉवर का इस्तेमाल करते हुए इस प्रस्ताव पर असहमति जता दी।
वैश्विक आतंकी पर लगते हैं ऐसे प्रतिबंध: जब भी किसी शख्स को वैश्विक आतंकी घोषित किया जाता है तो उस पर विश्व स्तर पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं। वैश्विक आतंकी घोषित किये गए व्यक्ति की सारी संपत्ति उस देश द्वारा जब्त कर ली जाती है। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाता है कि ऐसे किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता प्राप्त न होती हो। साथ ही यात्रा करने व हथियारों से लेकर एयरक्राफ्ट तक की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।