देश के पूर्व प्रधानमंत्री और दिग्गज भाजपा नेता अटल बिहारी बाजपेयी भले ही इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनसे जुड़े किस्से आज भी लोगों के दिलो-दिमाग में रचे बसे हैं। उनके भाषण और कविताएं सभी देश वासियों को पसंद आते थे, लेकिन एक बार ऐसा भी हुआ जब लोगों की जिंदगी बचाने के लिए अटल बिहारी बाजपेयी प्लेन हाइजैकर के सामने जा खड़े हुए थे, जो बम से प्लेन को उड़ाने को धमकी दे रहा था।

पूर्व पीएम कर रहे थे डिनर: अटल बिहारी बाजपेयी साल 1992 के दौर में लखनऊ के सांसद हुआ करते थे। देश में अयोध्या के राम मंदिर के लिए चलाया जा रहा आन्दोलन चरम पर था। अटल बिहारी बाजपेयी 22 जनवरी 1992 को लखनऊ में थे। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा था। इसी तारीख को अटल बिहारी बाजपेयी, लखनऊ के गेस्ट हाउस में डिनर कर रहे थे। क्योंकि उन्हें रात में ही दिल्ली जाना था, इस डिनर में अटल के साथ भाजपा नेता लाल जी टंडन भी बैठे हुए थे।

अचानक पहुंचे डीएम व राज्यपाल के सलाहकार: गेस्ट हाउस में डिनर के दौरान अचानक तत्कालीन डीएम और राज्यपाल के सलाहकार वहां पहुंचे। लाल जी टंडन ने इस बात पर नाराजगी जताई कि ‘अटल जी भोजन कर रहे हैं और आप सीधे यहां आ पहुंचे।’ अधिकारियों ने कहा कि, सर आपको तुरंत लखनऊ एयरपोर्ट चला होगा। कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, लखनऊ से दिल्ली की उड़ान भरने वाले एक विमान को हाइजैक कर लिया गया, जिसे हाइजैकर की मांग पर बाद में लखनऊ एयरपोर्ट पर उतार लिया गया है।

पूर्व पीएम से मिलना चाहता था हाइजैकर: तत्कालीन डीएम और राज्यपाल के सलाहकार ने बताया कि उनकी सारी कोशिशें बेकार हो गईं हैं और अपहरणकर्ता अटलजी से मिलना चाहता था। प्लेन हाइजैकर की मांग है कि उसे अटल जी मिलवाया जाए वरना वह यात्रियों के साथ विमान को उड़ा देगा। इस संबंध में इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए लाल जी टंडन ने बताया था कि घटना की जानकारी मिलने पर हमने तुरंत इस बात की पुष्टि करने को कहा था, क्योंकि इसमें सभी की जान को खतरा था।

हाइजैकर ने आवाज पहचानने से किया इंकार: इस बातचीत में लाल जी टंडन बताते हैं कि, मैंने अटल जी को सलाह दी कि पहले घटना की सत्यता की पता लग जाने दीजिए लेकिन वह यात्रियों की जान बचाने पर तुले हुए थे और एयरपोर्ट के लिए निकल पड़े। बड़ी मुश्किल से अटल जी अपहरणकर्ता से बात करने के लिए एक टावर पर चढ़ पाए, लेकिन अपहरणकर्ता उनकी आवाज को पहचान नहीं पा रहा था। कई बार कोशिश के बाद पूर्व पीएम ने ठाना कि वह जहाज के अन्दर जाएंगे।

और पकड़ लिया गया हाइजैकर: आखिरकार, अटल बिहारी बाजपेयी विमान के अंदर जा पहुंचे। अपहरणकर्ता के हाथ में देसी ग्रेनेड जैसा कुछ था, तभी लाल जी टंडन ने उससे कहा कि तुम्हें तो अटल जी से मिलना था। तुम अपनी मांग रखो और इनके पैर छू लो। अपहरणकर्ता जैसे ही पूर्व पीएम के पैर छूने के लिए नीचे झुका वैसे ही सुरक्षाकर्मियों ने उसे दबोच लिया। इस हाईजैकिंग की घटना के गवाह कांग्रेस के नेता सीताराम केसरी भी रहे, जो इसी विमान में बैठे हुए थे।