दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ (IFSO) यूनिट ने फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट-न्यूज (Alt News) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार किया है। जुबैर पर साल 2018 के एक ट्वीट से कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप है। पुलिस के मुताबिक, जुबैर को आईपीसी (IPC) यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 153 और 295A के तहत गिरफ्तार किया गया है। ऐसे में जान लेते हैं कि आखिर इन धाराओं में कौन से अपराध आते हैं लेकिन उससे पहले हम आईपीसी के बारे में समझ लेते हैं।
क्या है आईपीसी: आईपीसी का मतलब इंडियन पीनल कोड होता है, जिसे हम भारतीय दंड संहिता के नाम से जानते हैं। इसे आसान भाषा में कुछ इस प्रकार से समझते हैं कि भारत में किसी भी नागरिक द्वारा किये गए अपराध का का निर्धारण व दंड (सजा) का प्रावधान इसी संहिता से होता है। हालांकि, यह भारतीय सेना पर लागू नहीं होती है, वहां के अपने सैन्य कानून है।
क्या है IPC की धारा 153: भारतीय दंड संहिता के अध्याय (Chapter) आठ में रखी गई धारा 153 में दंगा भड़काने/उकसाने की प्रक्रिया को लेकर प्रावधान है। इसे कुछ यूं समझिए कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा धर्म, जाति-समुदाय या संप्रदाय अथवा धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला कोई काम किया जाता है, जिससे सामाजिक शांति में किसी तरह की बाधा या उथल-पुथल पैदा हो जाए तो वह व्यक्ति धारा 153 के तहत दोषी माना जाएगा।
क्या है धारा 153 में सजा: भारतीय दंड संहिता की धारा 153 में दंड के दो प्रावधान हैं। पहला ये कि यदि व्यक्ति की बात से दंगा/उपद्रव होता है तो उसे एक साल या फिर पांच साल तक की सजा या आर्थिक दंड दिया जा सकता है। परिणाम गंभीर होने पर दोनों दंड दिए जाने का भी प्रावधान है। जबकि दंगा/उपद्रव न होने की स्थिति में छह माह तक की सजा, आर्थिक दंड या दोनों का प्रावधान है।
क्या कहती है IPC की धारा 295A: भारतीय दंड संहिता की धारा 295A के तहत अगर कोई व्यक्ति भारतीय समाज के किसी भी वर्ग के धर्म या उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कोई काम कार्य करता है या फिर इस संदर्भ में कोई बयान देता है तो उसे धारा 295 ए के तहत दोषी माना जाएगा।
धारा 295A में सजा का प्रावधान: आईपीसी 1860 की धारा 295A के तहत दोषी व्यक्ति को दो या फिर अधिकतम तीन साल की सजा व आर्थिक दंड का प्रावधान है। साथ ही अपराध की गंभीर श्रेणी में दोषी पर सजा और आर्थिक दंड दोनों लगाए जा सकते हैं।
