27 जून 2022 यानी सोमवार को साल 2018 के एक ट्वीट से कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट-न्यूज (Alt News) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार किया गया है। मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट (IFSO Unit) ने गिरफ्तार किया है। इस आईएफएसओ यूनिट का पूरा नाम इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस है। तो आइए इस यूनिट के बारे जानते है और समझने की कोशिश करेंगे कि इसका मुख्य काम क्या है?

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क्या है IFSO Unit: इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के तहत एक विशेष टीम के रूप में काम करती है। इस यूनिट ने बीते कुछ समय में महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां की हैं। साथ ही पिछले साल कई राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए थे। इस यूनिट को बनाने का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराध, ऑनलाइन दुर्व्यवहार और सांप्रदायिक वैमनस्य (cyber crimes, online abuse and communal disharmony) की रोकथाम से है।

पहले CyPAD था नाम: इस समय इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट या साइबर क्राइम यूनिट का नेतृत्व केपीएस मल्होत्रा ​​कर रहे हैं। इस यूनिट का कार्यालय द्वारका में है। इसे पहले CyPAD (Cyber Prevention Awareness Detection) के नाम से जाना जाता था। फिर साल 2021 में दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने इसका नाम आईएफएसओ में बदल दिया। इस समय दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में साइबर सेल पुलिस स्टेशन शुरू किए गए हैं, लेकिन सभी संवेदनशील और विशेष मामलों को द्वारका (Dwarka) में आईएफएसओ यूनिट को ट्रांसफर कर दिया जाता है।

IFSO Unit कब रही चर्चा में: पिछले साल फरवरी में, दिल्ली में जारी किसान आंदोलन पर स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा किए गए ट्वीट का “टूलकिट” (ToolKit) बनाने के आरोप में बेंगलुरु से जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को यूनिट ने गिरफ्तार किया था। फिर पिछले साल ही जुलाई में यूएस-आधारित प्लेटफॉर्म गिटहब पर बनाए गए एक ऐप के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसमें जनवरी में यूनिट ने असम के एक 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र नीरज बिश्नोई (Neeraj Bishnoi) को ऐप बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फिर एक और ऐप बनाने के मामले में 25 वर्षीय ओंकारेश्वर ठाकुर को भी इंदौर से गिरफ्तार किया था।

यूनिट इस साल चर्चा में तब आई जब ‘क्लब हाउस’ ऐप पर एक सेशन के दौरान मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। हाल ही में, यूनिट ने पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी कर कथित रूप से नफरत, अफवाहें फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) और एक दूसरे केस में असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM chief Asaduddin Owaisi) डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद, पत्रकार सबा नकवी (Journalist Saba Naqvi) और हिंदू महासभा की पदाधिकारी पूजा शकुन पांडे के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

कैसे करती है काम: डीसीपी मल्होत्रा के नेतृत्व में एसीपी स्तर के छह अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के साथ यूनिट बाकी कामों के अलावा साइबर धोखाधड़ी, ऑनलाइन उत्पीड़न, डेटा चोरी, क्रिप्टो स्कैम (Cryto Scam), कॉल सेंटर धोखाधड़ी, बैंक धोखाधड़ी से सम्बंधित मामलों का भी निपटारा करती है। एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस आयुक्त के निर्देशों के तहत आईएफएसओ यूनिट (IFSO Unit) को संगठित अपराध, राष्ट्र विरोधी समूहों की साइबर गतिविधियों और डार्क वेब (Dark Web) पर भी नजर रखने को कहा गया है।

अधिकारियों के मुताबिक, यूनिट में एक साइबर फोरेंसिक लैब (Cyber Forensics Lab) भी है, जिसकी मदद से यूनिट डैमेज डिवाइसेज से डाटा रिकवर (Data Recover) करने का काम करती है। साथ ही यूनिट पेशेवर हैकरों (जो विभाग में ही कार्यरत हैं) की मदद से डिलीट किए गए डाटा को इकट्ठा करने, संवेदनशील मामलों में चैट (Chats) और मीडिया लाइब्रेरी जैसी महत्वपूर्ण जानकारी को रिकवर करने का काम करती है।