रंगदारी ना देने पर अपहरण कर लेने और आपराधिक साजिश रचने जैसे संगीन जुर्म के आरोपी एक बाहुबली और पूर्व सांसद को पकड़ने के लिए 6 थानों की पुलिस को रात के वक्त पसीना बहाना पड़ा। उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाली बाहुबली धनंजय सिंह को दबोचने के लिए सिटी SP संजय कुमार के नेतृत्व में 6 थानों की पुलिस को लगाया गया। कभी बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती के करीबी रहे धनंजय सिंह की जौनपुर में आज भी अच्छी-खासी धमक है।

यहां पुलिस को सूचना मिली थी कि धनंजय सिंह लॉकडाउन के दौरान हाल ही में राजधानी लखनऊ से जौनपुर अपने घर आए हैं। इसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए योजना बनाई। योजना के तहत रविवार-सोमवार की देर रात करीब 2 बजे 6 थानों की पुलिस को साथ लेकर सिटी एसपी खुद धनंजय सिंह के घर पहुंचे।

रात के अंधेरे में पुलिस ने पूर्व सांसद के घर के पास मजबूत घेराबंदी कर दी। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने धनंजय सिंह को उनके एक साथी के साथ पकड़ लिया। पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लाइन बाजार थाने ले आई। लेकिन रात के वक्त जैसे ही बाहुबली नेता के गिरफ्तारी की सूचना मिली थाने पर उनके समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा।

पूर्व सांसद पर क्या आऱोप हैं? यह हम आपको आगे बताएंगे लेकिन उससे पहले हम आपको बताते हैं कि धनंजय सिंह की शख्सियत कितनी बड़ी है। धनंजय सिंह की गिनती पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं में होती है। साल 2002 में तब की रारी विधानसभा सीट (अब मल्हनी सीट) से धनंजय सिंह ने पहली बार निर्दलीय जीत का परचम लहराया था। उस वक्त उनकी उम्र 27 साल थी।

इसके बाद इसी सीट पर वो JDU की टिकट से चुनाव लड़े और फिर जीत गए। लेकिन धनंजय सिंह ने जल्दी ही तीर का साथ छोड़ा और हाथी पर सवार हो गए। हाथी पर सवार होते ही उन्होंने साल 2009 में जौनपुर लोकसभा सीट पर जीत हासिल कर अपना दमखम दिखाया। यह वो जीत थी जिसकी दरकार बसपा को इससे पहले तीन दशकों से थी।

कहा जाता है कि 2 साल बाद ही धनंजय सिंह का पार्टी के नेताओं से अनबन हो गया और फिर सुप्रीमो मायावती ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। बसपा से निकलने के बाद उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। हालांकि इसके बाद 2014 में उन्होंने निर्दलीय जौनपुर सीट से किस्मत आजमाई थी और हार गए थे। साल 2017 में उन्होंने मल्हनी सीट से निषाद पार्टी के बैनर से विधानसभा चुनाव लड़ा और दूसरा स्थान पाने में सफल रहे।

धनंजय सिंह पर क्या है आरोप? ‘IANS’ की रिपोर्ट के मुताबिक जल निगम प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने आऱोप लगाया था कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने उनसे रंगदारी मांगी थी और नहीं देने पर उनका अपहरण करने की धमकी भी दी थी। दरअसल जौनपुर जिले में करीब 300 करोड़ रुपए की लागत से सीवर लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है।

इस काम को देख रहे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने आरोप लगाया है कि धनंजय सिंह और उनके गुर्गों के तरफ से उन्हें धमकी दी जा रही है। मूल रूप से मुजफ्फरनगर के रहने वाले अभिनव सिंघल ने इस मामले में धनंजय सिंह, उनके सहयोगी विक्रम सिंह और 2 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस लाइन थाने में केस दर्ज कराया था। धनंजय सिंह पर रंगदारी मांगने और आपराधिक षड़यंत्र रचने का आरोप है।