उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो बच्चों की निर्मम हत्या मामले का दूसरा आरोपी जावेद गुरुवार को बरेली से गिरफ्तार किया गया था। हत्या के बाद जावेद दिल्ली भाग गया था और वह सरेंडर करने की फिराक में था। इस बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई है। दिल्ली भागने से पहले वह एक दिन अपनी ससुराल सहसवान में रुका था। गुरुवार को उसने सैटेलाइट पुलिस चौकी में सरेंडर किया। फिर बरेली पुलिस ने उसे बदायूं पुलिस को सौंप दिया।
वहीं जावेद के सरेंडर करने से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में जावेद टेंपो में बैठा है और कुछ लोगों से कह रहा है कि जब उसे हत्याकांड का पता चला तो वह अपने घर सखानूं से बदायूं शहर आया था। वह कहता है कि जब इलाके में काफी भीड़भाड़ थी, इससे वह डर गया और सहसवान यानी अपनी ससुराल चला गया।
जावेद के अनुसार रास्ते में उसके मोबाइल पर कई लोगों की कॉल आई और उसे जानकारी मिली कि उसके भाई साजिद ने बाबा कॉलोनी में दो बच्चों की हत्या कर दी। ये सभी कॉल रिकॉर्ड उसके मोबाइल में मौजूद है। वायरल वीडियो में वह ऑटो में बैठे लोगों से पुलिस के पास ले चलने के लिए कहता है और अपना आधार कार्ड भी उन्हें दिखाता है। जावेद को पकड़कर पुलिस को सौंपने वाले स्थानीय युवक इनाम के लालच में बदायूं गए हैं। बताया जाता है कि जावेद को एनकाउंटर का डर था।
बदायूं के एसएसपी आलोक प्रियदर्शी के मुताबिक जावेद की गिरफ्तारी के लिए 5 टीमें गठित की गई थीं। उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक मृत आयुष के शरीर पर धारदार हथियार से किए गए 14 घाव पाए गए हैं, जो हमारे द्वारा बरामद किए गए धारदार हथियार से मेल खाते हैं। वहीं दूसरे बच्चे आहान के शरीर पर दो घाव हैं। इनमें से एक गहरा घाव गर्दन पर मिला है।
इस हत्याकांड में शामिल जावेद के भाई साजिद का पुलिस ने घटना के कुछ समय बाद ही उस समय एनकाउंटर कर दिया जब वह पुलिस की गिरफ्त से भाग रहा था। इससे पहले पीड़ित बच्चों की मां ने पुलिस से जावेद का एनकाउंटर ना करने की मांग की थी। उनका कहना था कि जावेद की गिरफ्तारी से ही इस बात का खुलासा हो सकेगा कि आखिर साजिद के साथ मिलकर उसने दोनों बच्चों की हत्या क्यों की थी?