उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (UP ATS) ने गुरुवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। एटीएस ने दावा किया कि वह शख्स पाकिस्तान स्थित कुख्यात आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के संपर्क में था। एटीएस ने कहा कि मुरादाबाद जिले के मुइलक गुड़िया गांव का निवासी अहमद रजा उर्फ शाहरुख उर्फ मोहिउद्दीन भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियारों का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान जाने की योजना बना रहा था।
जिहादी वीडियो, हथियारों और गोला-बारूद की तस्वीरें, आपत्तिजनक चैट के स्क्रीनशॉट मिले
यूपी एटीएस द्वारा जारी एक प्रेस बयान में कहा गया, “सहारनपुर में एटीएस फील्ड यूनिट ने अहमद रजा से पूछताछ की और उसके मोबाइल फोन का विश्लेषण किया। उन्हें उसके फोन पर जिहादी वीडियो, हथियारों और गोला-बारूद की तस्वीरें और आपत्तिजनक चैट के स्क्रीनशॉट मिले। अहमद रज़ा हमारे सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।”
अहमद रजा के खिलाफ लखनऊ में IPC की धारा 121-ए और UAPA के तहत मामला दर्ज
अहमद रजा के खिलाफ लखनऊ में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 121-ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, या युद्ध छेड़ने का प्रयास करना, या युद्ध छेड़ने के लिए उकसाना) और यूएपीए (UAPA) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ते ने जुलाई की शुरुआत में खुफिया जानकारी के आधार पर कथित तौर पर कुख्यात आतंकवादी समूह अल-कायदा की सहायक इकाई आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। दोनों की पहचान 38 साल के सद्दाम शेख और 23 साल के रिजवान खान के रूप में हुई थी।
मुस्लिम लोगों के उत्पीड़न का झूठा दावा कर लोगों को भड़काने की कोशिश
वहीं, यूपी एटीएस ने 16 जुलाई को मुख्यालय पर पूछताछ के बाद कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई लिए काम करने वाले एक संदिग्ध को गोंडा जिले में ही गिरफ्तार किया था। यूपी एटीएस ने आरोपी की पहचान मोहम्मद रईस के रूप में की थी। कथित तौर पर रईस अपने पाकिस्तानी आकाओं को भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील जानकारी मुहैया करा रहा था। पुलिस के मुताबिक, तरबगंज इलाके का रहने वाला मोहम्मद रईस मुंबई में काम करने के दौरान आतंकी हैंडलर अरमान के संपर्क में आया था। रईस के मुताबिक अरमान ने भारत में मुस्लिम लोगों पर उत्पीड़न का झूठा दावा कर उसे भड़काने की कोशिश की थी।