दिल्ली के शाहदरा के फर्श बाजार में 52 वर्षीय व्यवसायी की दो बाइक सवार लोगों द्वारा “गलत पहचान” के कारण गोली मारकर हत्या किए जाने के दो महीने बाद, दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्होंने हमलावरों को कथित तौर पर शरण देने और वित्तीय सहायता देने करने के आरोप में एक उप-निरीक्षक (Sub-Inspector) को गिरफ्तार किया है।
स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने उत्तर पूर्वी जिले में तैनात 45 वर्षीय सुखबीर सिंह को गिरफ्तार किया है। ये कार्रवाई सुनील जैन की हत्या की जांच कर रही काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट के उनके खिलाफ सबूत पाने के बाद की गई है।
चार दिनों की पुलिस हिरासत में सब-इंस्पेक्टर
अधिकारी ने कहा, “मामला शुरू में फर्श बाजार पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज किया गया था, और इसे सीआई को ट्रांस्फर कर दिया गया था। जैन की हत्या के सिलसिले में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई ये पहली गिरफ्तारी है। उसे रविवार दोपहर को गिरफ्तार किया गया और वर्तमान में वो चार दिनों की पुलिस हिरासत में है।”
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गिरफ्तार किए गए सब-इंस्पेक्टर स्पेशल स्टाफ में तैनात थे। हालांकि, ये सामने आने के बाद उन्हें जिला लाइन भेज दिया गया था कि उन्होंने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर गैंगस्टर हाशिम बाबा की सहायता की थी, जब वो पुलिस हिरासत में उनके कार्यालय आया था। उन्हें तीन साल पहले आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन मिला था।
मालूम हो कि बर्तनों का कारोबार करने वाले जैन की 8 दिसंबर, 2024 को फर्श बाजार में नवीन कसाना और सचिन गोलू ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस समय वो यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से मॉर्निंग वॉक करके घर लौट रहे थे।
सोनू मटका हाशिम बाबा गिरोह का सदस्य
पुलिस जांच में पता चला कि जैन की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उनकी शारीरिक बनावट रियल टारगेट से मिलती-जुलती थी और उनकी दिनचर्या भी एक जैसी थी। एक अधिकारी ने कहा, “असली लक्ष्य एक किशोर का पिता था, जिसने कथित तौर पर दिवाली पर एक प्रॉपर्टी डीलर और उसके 16 वर्षीय भतीजे की हत्या की साजिश रची थी। इस साजिश के परिणामस्वरूप अनिल उर्फ सोनू मटका ने फर्श बाजार में आकाश शर्मा उर्फ छोटू (40) और उसके भतीजे ऋषभ शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी। सोनू मटका हाशिम बाबा गिरोह का सदस्य है।”
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अधिकारी ने कहा, “जैन का शूटर गोलू परेशान था और बदला लेना चाहता था, क्योंकि वो आकाश शर्मा को अपना भाई मानता था। छोटू न केवल गोलू बल्कि अन्य लोगों को भी वित्तीय सहायता देने के लिए जाना जाता था।” तकनीकी निगरानी की मदद से पुलिस को पता चला कि एसआई सिंह लगातार गोलू के संपर्क में था और जैन की हत्या के बाद उसे आर्थिक मदद भी दी थी।
अधिकारी ने कहा, “पर्याप्त तकनीकी सबूत मिले हैं जो शूटरों के साथ सिंह की सीधी संलिप्तता को दर्शाते हैं। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब जैन की हत्या में आपराधिक साजिश में उसकी भूमिका की भी जांच कर रही है।”