TMC MLA Manik Bhattacharya Arrested: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायक माणिक भट्टाचार्य को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी ने राज्य में स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले में भट्टाचार्य की कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया है। बता दें कि, कभी माणिक भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे थे।

ईडी ने भट्टाचार्य से की घंटों पूछताछ

प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार रात कई घंटों तक पूछताछ के बाद भट्टाचार्य (Manik Bhattacharya) को गिरफ्तार किया है। अब माणिक को मंगलवार को विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। पार्थ चटर्जी (Parth Chatarejee) के बाद, भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल के स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती से संबंधित कथित घोटाले में गिरफ्तार होने वाले दूसरे टीएमसी विधायक हैं।

ED कर रहा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच

बता दें कि ईडी, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई भर्तियों में कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है। माणिक भट्टाचार्य काफी समय से ईडी के रडार पर थे और उन्हें इसी साल जून में कलकत्ता हाई कोर्ट ने प्रदेश प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने जारी किए थे जांच के निर्देश

ईडी के अलावा, सीबीआई ने भी माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने कई याचिकाओं में हाल ही में सीबीआई को समूह ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों, कक्षा 9-12 के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया था।

कौन हैं माणिक भट्टाचार्य?

माणिक भट्टाचार्य, तृणमूल कांग्रेस के विधायक हैं। उससे पहले माणिक जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। माणिक ने अपने चुनावी हलफनामे में अपनी कुल घोषित संपत्ति 3 करोड़ रुपये बताई है, जिसमें 2.3 करोड़ रुपये चल संपत्ति और 66.4 लाख रुपये अचल संपत्ति में शामिल हैं। जबकि उनकी कुल घोषित आय 24.3 लाख रुपये है, जिसमें से 21.9 लाख रुपये स्वयं की आय है।

न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने 20 जून को माणिक भट्टाचार्य को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित/ सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 269 शिक्षकों की नियुक्ति में की गई अवैध अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार ठहराया था। साथ ही आदेश दिया था कि भट्टाचार्य को पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद से हटाया जाए।