BRS MLAs Poaching Case: तेलंगाना सरकार ने मंगलवार को भारत राष्ट्र समिति (BRS) के विधायकों की खरीद-फरोख्त (MLAs Poaching Case) के कथित प्रयासों की सीबीआई जांच (CBI Probe) के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उसकी अपील पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में तत्काल सुनवाई की मांग की। सोमवार को तेलंगाना हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने राज्य पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) से बीआरएस विधायकों को कथित रूप से शिकार बनाने के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को स्थानांतरित करने के सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया था।
सीजेआई की बेंच से फौरन सुनवाई की अपील
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष राज्य की याचिका का उल्लेख करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि यह “राज्य सरकार को अस्थिर करने” से संबंधित एक प्राथमिकी थी। उन्होंने कहा कि एकल न्यायाधीश की पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था और उससे बड़ी पीठ ने यह कहते हुए इसे बरकरार रखा कि राज्य सरकार की अपील सुनवाई योग्य नहीं है। दवे ने कहा, “गंभीर तात्कालिकता है। अगर सीबीआई जांच में आती है, तो सब कुछ विफल हो जाएगा।”
सीजेआई डीवाय चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा- कल आएं
सीजेआई डीवाय चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं। बेंच ने दुष्यंत दवे से बुधवार को फिर से याचिका का उल्लेख करने को कहा। देश के मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हम मामले को सूचीबद्ध करेंगे। कल सुबह इसका उल्लेख करें … बिना उल्लेख किए भी, यह अगले सप्ताह आएगा।”
BRS-BJP विधायकों का पूरा मामला जानें
26 अक्टूबर, 2022 को कथित तौर पर भाजपा (BJP) में शामिल होने की पेशकश पाने वाले चार बीआरएस विधायकों (BRS MLAs) में शामिल रोहित रेड्डी की शिकायत के बाद रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंदू कुमार और सिम्हायजी स्वामी को इस पोचिंग मामले में आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है। तीनों को सत्तारूढ़ बीआरएस विधायकों को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का कथित तौर पर लालच देते वक्त गिरफ्तार किया गया था।
तेलंगाना हाई कोर्ट ने बाद में उन्हें जमानत दे दी थी। इस बारे में दर्ज प्राथमिकी (FIR) के मुताबिक, रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया है कि उन्हें तत्कालीन तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के विधायक पद से इस्तीफा देने और अगले चुनाव में भाजपा (BJP) के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए 100 करोड़ रुपये दिये जाने का लालच दिया गया था।