गुजरात के सूरत स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट (POCSO) ने 13 साल की छात्रा के साथ दुष्कर्म करने वाले शिक्षक को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कमेंट किया कि आरोपी ने जो कृत्य किया है कि वह एक शिक्षक और छात्र के रिश्ते पर एक दाग की तरह है। आरोपी ने बड़ी गलती की थी क्योंकि शिक्षक को रक्षक की तरह देखा जाता है। वह छात्रों को सिखाता है कि समाज में क्या सही है और क्या गलत। यह उसकी जिम्मेदारी है।
जस्टिस एसएन सोलंकी ने गुरुवार शाम को 2022 के दुष्कर्म व अपहरण मामले में आरोपी पप्पू उर्फ अजीत गुप्ता को दोषी करार दिया। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि पीड़िता को एक लाख रुपये का मुवाअजा दिया जाना चाहिए।
आदेश में कोर्ट ने कहा कि नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सख्त प्रावधानों वाला कानून बनाया गया है। वहीं बचाव पक्ष ने कोर्ट में कहा था कि आरोपी के परिवार की जिम्मेदारी उसके कंधों पर है। बचाव पक्ष ने कोर्ट से इस आधार पर दोषी की सजा कम करने की अनुरोध की थी। हालांकि कोर्ट ने सजा कम नहीं की।
दरअसल, घटना के वक्त लड़की की उम्र 13 साल और 11 महीने थी। जस्टिस ने अपने फैसले में कहा कि आरोपा शिक्षक एक मैथ टीचर है। वह जानता था कि लड़की सिर्फ 13 साल की है और नाबालिग है। आरोपी ने जो किया वह शिक्षक और छात्र के रिश्ते पर दाग जैसा है। आरोपी ने छात्रा के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे जिसे आसानी से नहीं लिया जा सकता। इससे समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आरोपी ने छात्र की मासूमियत का फायदा उठाया।
क्या है पूरी कहानी?
दरअसल, पीड़िता के पिता ने 31 अक्टूबर, 2022 को मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को मैथ टीचर 25 सितंबर, 2022 को स्कूल के बाद सुनसान जगह पर ले गए जहां उसके साथ बलात्कार किया और फिर उससे शादी करने का प्रस्ताव रखा। लगभग एक महीने बाद, 27 अक्टूबर को लड़की अपने परिवार के साथ ट्रेन से यात्रा कर रही थी। उस समय वह ट्रेन से उतरी और लापता हो गई। उसी रात, शिक्षक ने लड़की के पिता को फोन करके बताया कि वह उसके साथ मध्य प्रदेश के इंदौर में है। पीड़िता के पिता उसे वापस लाने के लिए इंदौर गए।
मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 366 (अपहरण, अपहरण या महिला को शादी के लिए मजबूर करना), 376 (3) (अधिकार वाले व्यक्ति द्वारा यौन संबंध), और POCSO अधिनियम की धारा 4 और 6 के तहत केस दर्ज किया था। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट (POCSO) में शुरू हुई। अब कोर्ट ने आरोपी शिक्षक को 20 साल जेल की सजा सुनाई है।