International Cyber Slavery Gang: गुजरात के सूरत में पुलिस ने नौकरी चाहने वालों की म्यांमार में तस्करी करने में कथित रूप से शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार करके एक “साइबर गुलामी” रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने सोमवार को इस संबंध में जानकारी दी।

52 बेरोजगार युवाओं को म्यांमार भेजा

रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआती जांच के अनुसार, आरोपियों – जिनमें से एक उत्तराखंड का और दो गुजरात के हैं – ने कथित तौर पर भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और इथियोपिया के 52 बेरोजगार युवाओं को म्यांमार भेजा था, जहां उन्हें साइबर अपराधियों के लिए काम करने के लिए मजबूर किया गया।

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साइबर गुलामी डिजिटल शोषण के एक ऐसे रूप का वर्णन करती है जहां लोगों की तस्करी की जाती है या उन्हें – अक्सर धोखाधड़ी या बल के माध्यम से – ऑनलाइन घोटाले, फ़िशिंग या धोखाधड़ी जैसे साइबर अपराध करने के लिए मजबूर किया जाता है, आमतौर पर अपमानजनक और अमानवीय परिस्थितियों में।

इस संबंध में विस्तार से बताते हुए सूरत की साइबर सेल की डिप्टी पुलिस कमिश्नर बिशाखा जैन ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, “यह एक साइबर गुलामी रैकेट है… इस रैकेट में कई चीनी कंपनियां शामिल हैं और जिन प्रमुख कंपनियों को हमने पकड़ा है, वे म्यांमार और चीन की सीमा पर स्थित हैं।”

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उन्होंने बताया, “हमारी टीम चंडीगढ़ गई, जहां हमें दो आरोपी मिले… उनका काम कम पढ़े-लिखे लोगों को रोजगार के अवसर दिलाने का वादा करके उन्हें आकर्षित करना था… बाद में, इन लोगों को साइबर अपराध करना सिखाया गया… अगस्त में अब तक वे भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और कई अन्य देशों के नागरिकों सहित 40 लोगों को भेज चुके हैं।”

उन्होंने कहा, ” भारत से भेजे गए ज़्यादातर लोग गुजरात और हरियाणा के थे… हम बचाव अभियान के लिए गृह मंत्रालय के संपर्क में हैं… हमने अब तक एक एजेंट, निबेंद्र चौधरी को पकड़ा है…”