RJD के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए उन्हें डबल मर्डर केस में दोषी करार दिया है। दरअसल, इस मामले में निचली अदालत ने सिंह को रिहा कर दिया था। इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने भी उनकी रिहाई को सही बताया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को दोषी पाया और एक सितंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव को आदेश दिया कि सिंह को एक सितंबर में किसी भी हाल में कोर्ट में पेश किया जाए। रिपोर्ट के अनुसार, एक सिंतबर को सिंह की सजा पर बहस की जाएगी। गौरतलब है कि सिंह अभी एक अन्य मर्डर केस में जेल में बंद है।
जानिए क्या है पूरा मामला
RJD के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह पर 1995 में मसरख के एक वोटिंग बूथ के पास 47 साल के दारोगा राय औऱ 18 साल के राजेंद्र राय की हत्या का आऱोप है। सिंह पर आरोप था कि उन्होंने दोनों की इसलिए हत्या करवा दी क्योंकि उन्होंने सिंह के समर्थित प्रत्य़ाशी को वोट नहीं दिया था। बता दें कि सिंह बिहार के महाराजगंज लोकसभा सीट से तीन बार जदयू और एक बार आरजेडी के टिकट पर सांसद रह चुके हैं।
मृतक के भाई हरेंद्र राय ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
जानकारी के अनुसार, मृतक के भाई हरेंद्र राय ने सुप्रीम कोर्ट में हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के भाई ने गवाहों को धमकाने की शिकायत की थी। जिसके बाद यह मामला छपरा से पटना ट्रांसफर किया गया था। वहां पर इस केस का ट्रायल हुआ था। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सिंह को बरी कर दिया था। वहीं 2012 में पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही बताया था। इसके बाद हरेंद्र राय ने अपने भाई को न्याय दिलान के लिए दोनों कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एएस ओक और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने पलटा फैसला
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एएस ओक और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया और सिंह को दोषी ठहराया। कोर्ट का कहना है कि सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। हालांकि इस केस के बाकी आरोपियों की बरी को सुप्रीम कोर्ट ने सही बताया। रिपोर्ट के अनुसार, प्रभुनाथ सिंह इस समय जेल में बंद हैं। वे 1995 में मसरख के विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में सजा काट रहे हैं।