Punjab News: पंजाब के गुरविंदर नाथ ने 27 जुलाई, 2021 को कनाडा में पढ़ाई के लिए अपना घर छोड़ा था। लगभग दो साल बाद 24 साल के युवक का शव उसके गांव आइमा चहल लाया गया। यहां सकी परेशान मां 50 वर्षीया नरिंदर देवी ने भी आत्महत्या कर ली थी। शनिवार को बेटे गुरविंदर और मां नरिंदर देवी का पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर जिले के गांव में एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।

टोरंटो के लॉयलिस्ट कॉलेज में बिजनेस कोर्स कर रहा था गुरविंदर

गुरविंदर टोरंटो के लॉयलिस्ट कॉलेज में बिजनेस कोर्स कर रहा था। उन्होंने साइड में पिज्जा डिलीवर करने का भी काम किया। 9 जुलाई को टोरंटो के पास मिसिसॉगा शहर में देर रात डिलीवरी के दौरान उनकी कार लूट ली गई और उस पर बेरहमी से हमला किया गया। उन्होंने 14 जुलाई को एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। घर वापस आकर उसके एक बड़े और दूसरे जुड़वां भाइयों ने अपने माता-पिता से यह खबर छुपाने की कोशिश की। यहां तक ​​कि अपने पिता कृष्ण देव नाथ के फोन पर इंटरनेट भी बंद कर दिया।

छोटी डेयरी चलाने वाले किसान कृष्ण देव नाथ ने कहा- मैंने सब कुछ खो दिया है

एक छोटी सी डेयरी चलाने वाले किसान कृष्ण देव नाथ ने कहा कि उन्हें अपने बेटे के भाग्य के बारे में तब पता चला जब इसके बारे में जानने के बाद उनकी पत्नी ने गुरुवार को आत्महत्या कर ली। कृष्ण देव ने कहा, “मैंने आज सब कुछ खो दिया है। मेरी पत्नी को किसी तरह लगा कि गुरविंदर के साथ सब कुछ ठीक नहीं है और उसने मुझे पांच या छह दिन पहले उसे फोन करने के लिए मजबूर करने लगी। मेरा इंटरनेट काम नहीं कर रहा था तो मैं व्हाट्सएप कॉल नहीं कर सका, तो वह बेचैन हो गई। वह गांव की अन्य महिलाओं से कहती थी कि अगर गुरविंदर को कुछ हुआ तो वह उसे अकेले नहीं जाने देंगी।”

नरिंदर देवी को बुधवार को आखिरकार बेटे की मौत के बारे में पता चल गया

फिर बुधवार को नरिंदर देवी को आखिरकार पता चल गया। कृष्ण देव नाथ ने कहा, “बरामदे में कपड़े सुखाते समय उसने शायद कुछ राहगीरों से सुना कि गुरविंदर का शव आ रहा है। तभी से वह बेचैन रहने लगी लेकिन उसने घर में किसी को नहीं बताया कि उस पर क्या बीत रही है।”

बेटे के बारे में जानने के बाद नरिंदर देव ने कई बार की आत्महत्या की कोशिश

गुरविंदर की दादी 75 वर्षीय विद्या देवी ने कहास “मेरी बहू ने पहले खुद को बिजली का झटका देने की कोशिश की, लेकिन जब हमें पता चला तो मेरे पोते कमल और बलविंदर ने उसे एक मिनट के लिए भी अकेले नहीं रहने दिया। अगली सुबह यानी गुरुवार को वह घर पर नहीं थी। हमें लगा कि वह हमेशा की तरह मंदिर गयी है, लेकिन वह कुछ देर तक वापस नहीं लौटी। मेरे सबसे बड़े पोते कमल ने उसे घर के ठीक बाहर सड़क पर पड़ा हुआ पाया।

Canada Deport: Canada में 700 Indian Students के साथ बड़ा ‘स्कैम’, सभी पर लटकी Deportation की तलवार | Video

लुधियाना के डीएमसी अस्पताल में गुरविंदर की मां ने ली अंतिम सांस

कमल ने कहा, “मेरी माँ ने शायद कोई कीटनाशक खा लिया। हम उसे बालाचौर के सिविल अस्पताल ले गए, जहां उसका प्रारंभिक इलाज किया गया। डॉक्टरों ने उसकी जान को खतरा बताते हुए पीजीआई रेफर कर दिया। हमने पाया कि पीजीआई में स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं थे और हमने उसे लुधियाना के डीएमसी अस्पताल ले जाने का फैसला किया। वहां गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 2.15 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। गुरविंदर का शव शुक्रवार देर शाम उनके गांव पहुंचा।

कृष्ण देव नाथ ने कहा- कनाडा में गुरविंदर पर पहले भी हमला हो चुका था

कृष्ण देव नाथ ने अपने बेटे को एक मेधावी छात्र के रूप में याद किया। उन्होंने कहा, “वह हमेशा विदेश जाना चाहता था और दो साल पहले उच्च अध्ययन के लिए कनाडा जाने का विकल्प चुना। वह पढ़ाई में अच्छा था और उसने आसानी से आईईएलटीएस पास कर लिया।” उन्होंने कहा कि गुरविंदर पर पहले भी हमला हो चुका है। मेरे बेटे के साथ एक महीने पहले भी ऐसी ही घटना हुई थी और उसने पुलिस में शिकायत की थी। लेकिन उन्होंने उसे सतर्क रहने और अपना ख्याल रखने के लिए कहा।