लखनऊ के गोमती नगर इलाके में मंगलवार को एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ने अपने आवास पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि 73 वर्षीय दिनेश शर्मा ने सुबह सात बजे अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और लाइसेंसी पिस्तौल से खुद को गोली मार ली। वरिष्ठ उप-निरीक्षक सतीश सिंह ने कहा, “गोली चलने की आवाज सुनकर उनके परिवार के सदस्यों ने दरवाजा तोड़ा और उन्हें मृत पाया। ”
पत्नी और बेटे के साथ गोमती नगर में रहते थे शर्मा
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शर्मा के परिवार वालों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन को घटना के बारे में सूचित किया। इसके बाद एक पुलिस टीम उनके घर पहुंची। दिनेश शर्मा अपनी पत्नी और बेटे विजेंद्र शर्मा के साथ गोमती नगर स्थित अपने आवास पर रहते थे। उन्होंने कहा, “भारतीय पुलिस सेवा के 1975-बैच के अधिकारी दिनेश शर्मा यूपी पुलिस के महानिदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें कहा गया था कि वह अपनी चिंता विकार और अवसाद को नियंत्रित नहीं कर सकते।”
“मैं ताकत और स्वास्थ्य खो रहा हूं”- हैरान करने वाला सुसाइड नोट
पूर्व आईपीएस अफसर दिनेश शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था, “मैं ताकत और स्वास्थ्य खो रहा हूं। इसके लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है।” घटना के बाद दिनेश शर्मा के आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए यूपी एडीजी (सुरक्षा) विनोद कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें सुबह उनकी मृत्यु के बारे में सूचित किया गया था।
यूपी एडीजी (सुरक्षा) विनोद कुमार सिंह ने साझा की यादें
विनोद कुमार सिंह ने कहा, “उनके रिटायरमेंट के बाद भी मेरे उनके साथ संबंध थे। वह 1998-99 में गोरखपुर रेंज में इंस्पेक्टर जनरल थे, जब मैं सिद्धार्थ नगर में एसपी के रूप में तैनात था, जो मेरी पहली पोस्टिंग थी। तब से वह मेरे अभिभावक थे। उनके और उनके परिवार के साथ मेरा यह रिश्ता था। वे बहुत ही जिंदादिल और बहिर्मुखी व्यक्ति थे। वह आईएएस-आईपीएस क्रिकेट टीम का हिस्सा थे… हमने साथ में क्रिकेट खेला। चौंकाने वाली बात यह है कि यह घटना घटी है। कि वह ऐसा कर सके…पूरी यूपी पुलिस शोक मना रही है।’
पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया दिनेश शर्मा का शव
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिनेश शर्मा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। इसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंप दिया जाएगा। दिनेश शर्मा के सुसाइड के बाद परिवार वाले सदमे में हैं। वहीं, उनके जानने वाले लोगों में शोक की लहर है।