देश में कुछ ऐसे जाने-माने गायक हुए जिनके लोग दीवाने हुआ करते थे। इन्हीं में से एक नाम पंजाब के मशहूर गायक अमर सिंह चमकीला का रहा। अमर सिंह देश के अलावा विदेशों में भी अपनी गायकी और स्टेज परफॉरमेंस के लिए जाने जाते थे। कहा जाता है उनकी यही दीवानगी और सच्चाई से भरपूर गाने उनकी मुसीबत बन गए। इसीलिए आज तक अमर सिंह चमकीला की मौत एक अनसुलझे रहस्य सी है।
अमर सिंह चमकीला का जन्म 21 जुलाई 1960 को लुधियाना के पिंड डुगरी में हुआ था। अमर सिंह चमकीला का असली नाम धनी राम था। अमर जब थोड़ा बड़ा हुआ तो पाया कि परिवार की आर्थिक हालत खराब है। ऐसे में वह कपड़े की मिल में काम करने लगा। बचपन से ही संगीत से लगाव था तो काम के बीच हारमोनियम और ढोलक सीख ली। कपड़ा मिल में नौकरी करते-करते वह गाने लिखना लगा।
अमर सिंह चमकीला खुद गाने लिखता और तुंबी (एक वाद्ययंत्र) के सहारे धुन देता। थोड़े दिनों बाद वह पंजाबी सिंगर सुरिंदर शिंदा से संपर्क में आया तो उनके लिए गाने लिखने लगा। 18 साल की उम्र में अमर सिंह के गाने लोगों को पसंद आए लेकिन आमदनी वैसी ही रही। फिर अमर सिंह ने खुद बड़ी मशक्कत के बाद गाना गया और गाने के बोल में पंजाब की समस्याओं को भी बतलाया।
80 का दशक आते-आते उसे कुछ साथी मिले जिनके साथ अमर सिंह स्टेज शो करने लगा। कुछ सालों के संघर्ष के बाद अमर सिंह के गानों में पंजाब की सच्चाई दिखी तो लोग उससे जुड़े और कुछ उससे नाराज भी हुए। दरअसल, अमर सिंह अपने गानों में पंजाब में बढ़ती हिंसा, नशे के कारोबार, घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों को भी उठाता था। देखते ही देखते अमर सिंह ने गुरदास मान, सुरिंदर शिंदा और कुलदीप मानक जैसे गायकों को पीछे छोड़ दिया।
1980 में स्टेज शो में अमर सिंह को साथ मिला अमरजोत कौर का जिसके साथ वह गाने तो गाता ही बल्कि बीच-बीच में हंसी मजाक और पुरुषों पर कटाक्ष भी करता। बाद में यही अमरजोत चमकीला की पत्नी भी बनी थी। बताते हैं कि इन कुछ सालों में उसने कई जगह ढेर सारे शो किये और बढ़िया गानों के चलते अमर सिंह पंजाब का चमकीला सितारा हो गया। फिर यहीं से उसे अमर सिंह चमकीला के नाम से जाना जाने लगा।
दूसरी तरफ, पंजाब में आतंकवाद का दौर था, इंदिरा गांधी द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद पुलिस की सख्ती थी। हालांकि इस बीच अमर सिंह ने कई स्टेज शो किये, जहां भारी भीड़ भी जुटी। उस दौर में अमर सिंह चमकीला मशहूर गायक के अलावा गीतकार, संगीतकार सब कुछ था। साथ ही चमकीला और अमरजोत की जोड़ी ने जो गाने लिखे और गाए वह उस वक्त के पंजाब के मुद्दों से जुड़े तो थे ही बल्कि समाज की बुराईयों पर भी सटीक बैठते थे।
कई बार अमर सिंह चमकीला के गाने विवादों में भी घिरे और माना जाता है कि यही गाने उनकी मौत का कारण भी बने। चमकीला को कई बार उग्रवादी संगठनों के द्वारा धमकी भी मिली थी। चमकीला ने 9 साल गायकी की दुनिया में बिताए थे और वह जब 8 मार्च, 1988 को पत्नी अमरजोत व साथियों के साथ जालंधर के महसामपुर में कार्यक्रम के लिए पहुंचे थे, तभी कुछ युवकों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए।
अमर और अमरजोत की हत्या किस कारण की गई इसके पीछे कई दावे हुए कि उग्रवादियों का हाथ हो सकता है! फिर कुछ ने माना कि शायद प्रतिद्वंदी गायकों ने मरवाया हो तो वहीं कुछ ने इसे चमकीला के प्रेम विवाह को कारण बताया। हालांकि, आज तक इस हत्याकांड के एक भी आरोपी नहीं पकड़े गए और यह कांड मर्डर मिस्ट्री में तब्दील हो गया।