फिल्म निर्माता मुश्ताक नाडियाडवाला द्वारा दायर एक याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में दावा किया गया था कि उनके दो नाबालिग बच्चों को उनकी पत्नी ने पाकिस्तान में अवैध रूप से रखा हुआ है। इसी याचिका पर न्यायमूर्ति नितिन जामदार की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्रीय विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी किया है और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 29 अगस्त की तारीख तय की।
मुश्ताक ने अपनी याचिका में भारत सरकार को यह निर्देश देने का अदालत से अनुरोध किया है कि उनके नौ साल के बेटे और छह साल की बेटी की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए। याचिका में कहा गया है कि उनकी पत्नी को भी उनके घरवालों ने वहां जबरदस्ती रखा हुआ है और उनकी भी रिहाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता बेनी चटर्जी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि मुश्ताक नाडियाडवाला ने इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। याचिका में आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार उनके दोनों बच्चों को वापस लाने के अपने दायित्व को निभाने में विफल रही है।
इसी याचिका में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा उनके बच्चों को दिया गया विजिटिंग वीजा अक्टूबर, 2021 में खत्म हो गया लेकिन उन्हें उनकी पत्नी मरियम चौधरी और उनके परिजनों द्वारा वहां गैर-कानूनी तरीके से रोक लिया गया है। याचिका के अनुसार, मुश्ताक ने अप्रैल 2012 में पाकिस्तान में मरियम चौधरी से शादी की, जिसके बाद वह भारत चली गईं और भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था।
याचिका में बताया गया कि नवंबर 2020 में, चौधरी बच्चों को साथ लेकर पाकिस्तान चली गई थी। फिर फरवरी 2021 में, उन्होंने लाहौर की एक अदालत में ‘गार्जियनशिप पिटीशन’ दायर कर मांग की कि उन्हें बच्चों का लीगल गार्जियन बनाया जाए; जिसे कोर्ट ने मंजूर भी कर लिया था। मुश्ताक ने कहा कि हो सकता है कि उसका ब्रेनवॉश किया गया हो या उसे पाकिस्तान में रहने के लिए मजबूर किया गया हो।