Pakistan Spy Case: पाकिस्तान के 2 जासूसों आबिद हुसैन और ताहिर खान को पकड़ने के बाद भारत ने उनको सोमवार को वापस उनके वतन भेज दिया है। आबिद और ताहिर के बारे में अब कई जानकारियां निकल कर सामने आ रही हैं। यह दोनों दिल्ली स्थित पाकिस्तान एम्बेंसी में वीजा सेक्शन में काम करते थे। आबिद हुसैन के बारे में पता चला है कि भारतीय अफसरों से सूचनाएं हासिल करने के लिए वो कई तरह के फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल करता था। अहम सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों से आबिद अक्सर मिला करता था।

आबिद के एक पहचान पत्र से पता चला है कि वो कई बार अपना नाम ‘गौतम’ बताता था। इतना ही नहीं वो कहता था कि उसका नाम गौतम है और वो एक नामी पत्रकार का भाई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि आबिद देश में नई ट्रेनों के संचालन औऱ सैनिक साजो-सामान की जानकारियां इकठ्ठा करने में लगा हुआ था।

वो रेलवे के अधिकारियों से भी मिलता था और उन्हें कहता था कि उसका पत्रकार भाई भारतीय रेल पर स्टोरी करना चाहता है और इसीलिए उसे ट्रेनों के आवागमन के बारे में जानकारी चाहिए।

आबिद औऱ ताहिर साल 2013 से ही Inter-Services Intelligence (ISI) के एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ISI इन जासूसों को आर्मी के जवानों का पर्सनल नंबर देती थी।

इसके बाद आबिद उन नंबरों पर किसी न किसी बहाने से कॉल करता और खुद को इंडियन आर्मी का जवान बताकर जाल में फांसता और फिर खुफिया जानकारी निकालने की कोशिश करता था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बीते रविवार को इन जासूसों को पकड़ा था। महत्वपूर्ण विभागों में अहम पदों पर काम करने वाले भारतीय अधिकारियों को झांसे में लेकर यह जासूस उनसे जरुरी इनपुट हासिल कर पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को दे दिया करते थे।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इन जासूसों का एक ऑडियो टेप भी सामने आया है जिसमें यह भारतीय अधिकारियों को अपनी जाल में फंसाते सुनाई दे रहे हैं। कथित तौर से फोन पर बातचीत करते हुए आबिद, आर्मी के किसी जवान से पूछ रहा है कि ‘आप 1705 आरपीएम में तो नहीं रहे कही (आर्मी की कोई यूनिट)..

इसपर आर्मी मैन जवाब देते हैं कि ‘नहीं, सर यह मेरा पहला यूनिट है।’ कुछ देर इधर-उधर की बातें करने के बाद आबिद फोन पर आर्मी मैन से पूछता है कि ‘आप 326 यूनिट में हो ना दिल्ली में..इसपर आर्मी जवान कहता है कि ,हां’। आबिद इसके बाद झूठ बोलता है कि ‘मेरी भी पोस्टिंग 106 दिल्ली में है लेकिन फैमिली नोएडा में है।’

इसके बाद वो आर्मी मैन से कहता है कि ‘आप व्हाट्सऐप नहीं चलाते तो वो जवाब देते हैं कि यूनिट में इसकी अनुमति नहीं है। इसके बाद आबिद उन्हें कहता है कि छुप-छुपकर रख लो, छुपाकर तो चलाया जा सकता है।’ इसके बाद फोन काट दिया जाता है।