ओडिशा के केंद्रपारा से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ओडिशा सरकार की कर्मचारी ने दावा किया है कि बाल विकास अधिकारी द्वारा अस्पताल जाने के लिए छु्ट्टी नहीं दिए जाने के कारण उसने अपना बच्चा खो दिया। इस मामले में पीड़िता परिवार ने पुलिस में अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
अधिकार ने अमानवीय व्यवहार किया
वर्षा प्रियदर्शिनी (26) ने बताया कि केंद्रपाड़ा जिले में बाल विकास अधिकारी ने उसे अस्पताल जाने के लिए कथित तौर पर छुट्टी न दी। इस कारण उसने अपने सात महीने के बच्चे को गर्भ में ही खो दिया। महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया कि डेराबिस ब्लॉक में बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) स्नेहलता साहू ने उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया।
इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया। मामला सरकार तक पहुंच गजा। ऐसे में कार्रवाई की गई है। उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा ने कहा कि साहू को उनके पद से हटा दिया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी और रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
महिला कर्मचारी ने लगाए गंभीर आरोप
प्रियदर्शिनी ने कहा, “पिछले तीन साल से सीडीपीओ मुझे प्रताड़ित कर रही थी। मेरे गर्भवती होने के बाद यह टॉर्चर और बढ़ गया। इसका सीधा असर मेरे बच्चे पर पड़ा और उसकी मौत हो गई। मुझे बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन मैं फिर भी वहां काम कर रही थी।”
प्रियदर्शिनी ने कहा कि जिस दिन ये हादसा हुआ उस दिन उसे कार्यालय में काम करते समय तेज लेबर पेन हुई। ऐसे में उसने सीडीपीओ स्नेहलता साहू और अन्य कर्मचारियों से उसे अस्पताल ले जाने का रिक्वेस्ट किया। हालांकि, सीडीपीओ ने उसके मेडिकल असिस्टेंस के रिक्वेस्ट पर कोई ध्यान नहीं दिया।
गर्भ में ही बच्चे की मौत हो चुकी थी
ऐसे में महिला कर्मी ने अपने परिवार के सदस्यों को सूचित किया, जो कार्यालय पहुंचे और उसे अस्पताल ले गए। हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि जब तक वह इलाज के लिए पहुंची, तब तक गर्भ में ही बच्चे की मौत हो चुकी थी।
गर्भ में ही अपने बच्चे की मौत से आहत प्रियदर्शिनी ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक दोनों के पास शिकायत दर्ज कराई है और सीडीपीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस घटना से लोगों में आक्रोश फैल गया। खासकर सोशल मीडिया पर घटना से संबंधित एक वीडियो वायरल होने के बाद। वीडियो में महिला को परेशान देखा जा सकता है, जबकि सीडीपीओ उसके परिवार से बहस कर रही है।
डेराबिस बीडीओ अनिरुद्ध बेहरा ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और उच्च अधिकारी को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
सीपीडीओ ने आरोपों का खंडन किया
इधर, सीपीडीओ ने आरोपों का खंडन किया है और दावा किया है कि प्रियदर्शिनी ने कभी छुट्टी के लिए आवेदन नहीं किया, जैसा कि एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है। उन्होंने दावा किया, “मैंने कभी उसे परेशान नहीं किया। वो झूठ बोल रही है। उसके परिवार ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और उन्होंने बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए मोबाइल फोन तैयार रखे थे। वीडियो को एडिट किया गया है।”