आज बात देश के मोस्ट वांटेड आतंकी आलमजेब अफरीदी की जिसकी गिनती कभी स्कूल में अच्छी संस्कृत बोलने वाले छात्रों में होती थी। फिर साल 2002 में हुए गुजरात दंगों ने उसकी जिंदगी में एक नया अध्याय जोड़ा। साल 2016 में आलमजेब अफरीदी को गिरफ्तार किए जाने तक किसी को भी इस बात की भनक तक नहीं थी कि वह 2008 के अहमदाबाद विस्फोटों में 56 लोगों की हत्या का आरोपी था। क्योंकि वह मोहम्मद रफीक के नाम से रह रहा था, फिर जिसे बाद में अहमदाबाद ब्लास्ट के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

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सितंबर, 1986 में अहमदाबाद के जुहापुरा में एक पशु चारा कारोबारी पिता के घर जन्मे अफरीदी ने सनफ्लावर स्कूल में 10वीं तक पढ़ाई की, जहां उसने संस्कृत, उर्दू और अरबी सीखी। साल 1993 में छुरा घोंपने की एक घटना में अपने पिता के जेल जाने के बावजूद भी उसने पढ़ाई जारी रखी। लेकिन 10वीं कक्षा की परीक्षा के समय गुजरात दंगे भड़क उठे। अफरीदी ने बताया था कि नरोदा-पटिया नरसंहार में उसने अपने कई परिजनों को खो दिया था।

साल 2004 में, फलाहे डैरेन स्कूल में पढ़ाई के दौरान अफरीदी कक्षा 12 में फेल हो गया। फिर उसने पढ़ाई छोड़ दी और जमात-ए-इस्लामी में शामिल हो गया। इस बीच वह सिमी सदस्यों के संपर्क में आया और 2007 में वडोदरा के पास हलोल में एक आतंकी प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने पहुंच गया। 26 जुलाई, 2008 को अहमदाबाद के डायमंड मार्केट में कथित तौर पर आईईडी से बंधी साइकिल खड़ी करने के पांच साल बाद सिमी का पूर्व सहयोगी आलमजेब अफरीदी फरारी के दौरान कई शहरों में रहा।

अफरीदी ने यूपी में मिट्टी के ठेकेदार के रूप में, महाराष्ट्र में सुरक्षा गार्ड, हरियाणा में मिठाई की दुकान में हेल्पर, गुजरात में एक्स-रे तकनीशियन और बेंगलुरु में एसी मैकेनिक के रूप में काम किया। आलमजेब अफरीदी को बेंगलुरु में मोहम्मद रफीक के रूप में जाना जाता था। अफरीदी/मो. रफीक बेंगलुरु में एक लोकप्रिय एसी मैकेनिक था।

एक बार उसने दक्षिण बेंगलुरु पुलिस स्टेशन में अपने नियोक्ता के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई। जिसमें पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन अफरीदी के बारे में किसी को कुछ पता नहीं चला था। साल 2016 में अफरीदी को एनआईए ने 2014 के बेंगलुरु विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। अफरीदी ने आईएस से सम्पर्क के दौरान कम से कम 40 फेसबुक और 24 जीमेल खाते खोले थे।

तब अफरीदी से पूछताछ से पता चला है कि कैसे 2002 के गुजरात दंगों का शिकार एक लड़का पहले अहमदाबाद ब्लास्ट में शामिल हुआ और फिर साल 2016 आते-आते एक संभावित इस्लामिक स्टेट (आईएस) ऑपरेटिव के रूप में बदल गया। ज्ञात हो कि, 2008 के अहमदाबाद ब्लास्ट के मामले में आलमजेब अफरीदी उर्फ मोहम्मद रफीक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

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First published on: 14-05-2022 at 22:21 IST