Moosewala murder, result of revenge killing: सिद्धू मूसेवाला मर्डर मामले में पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चार्जशीट तैयार की है। एसआईटी ने अपनी 1,850 पन्नों की चार्जशीट में दावा किया है कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या, बिश्नोई और बंबिहा गैंग की रिवेंज किलिंग का नतीजा थी। बता दें कि, पंजाब में लॉरेंस बिश्नोई और दविंदर बंबिहा गैंग के बीच गैंगवार बीते कई सालों से जारी है। बिश्नोई गुट मूसेवाला को बंबिहा गुट का करीबी बताता रहा है।

पंजाब में ऐसे शुरू हुआ बदले का दौर

मूसेवाला मर्डर केस में एसआईटी ने 26 अगस्त को कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि बदले की हत्याओं का दौर अक्टूबर 2020 में शुरू हुआ जब बंबिहा गैंग ने चंडीगढ़ में गोल्डी बराड़ के चचेरे भाई गुरलाल की हत्या कर दी। बताया जाता है कि गुरलाल की हत्या 2017 में कोटकपूरा में बिश्नोई गैंग द्वारा मारे गए बंबिहा गैंग के गुर्गे लवी देवड़ा की हत्या का बदला थी। फिर गुरलाल की हत्या का बदला लेने के किए बिश्नोई गैंग ने फरीदकोट में गुरलाल पहलवान की हत्या कर दी।

एसआईटी की चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि बिश्नोई गैंग के गुर्गों ने जग्गू भगवानपुरिया के कहने पर ही 4 अगस्त 2021 को अमृतसर में बंबिहा के करीबी गैंगस्टर ​​राणा कंडोवालिया की हत्या कर दी थी।” इसी कड़ी में कंडोवालिया की हत्या के तीन दिन बाद यानी 7 अगस्त, 2021 को, बंबिहा गिरोह ने अपने साथियों की की हत्या का बदला लेने के लिए 14 मार्च को मोहाली में युवा अकाली दल के नेता विक्की मिद्दुखेड़ा और फिर कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नांगल अंबियन की हत्या कर दी थी।

विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या का बदला था मूसेवाला मर्डर

एसआईटी का दावा है कि विक्की मिद्दुखेड़ा और संदीप नांगल की हत्या के बदला लेने के लिए ही बिश्नोई गिरोह ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी थी। एसआईटी की चार्जशीट में अब तक मूसेवाला की हत्या में कोई और पहलू नहीं बताया गया है। चार्जशीट में एसआईटी ने कहा कि गोल्डी ने अपने गिरोह के शार्पशूटरों को बताया था कि पंजाब सरकार ने मूसेवाला की सिक्योरिटी घटा दी है, ऐसे में वारदात को जल्दी से अंजाम दिया जाए।

SIT ने माना 6 जेलों में रहते हुए भी संपर्क में थे गैंगस्टर

चार्जशीट में एसआईटी ने यह भी माना है कि मूसेवाला हत्याकांड में आरोपी बने कम से कम आठ लोगों में 6 ऐसे गैंगस्टर थे जो अलग-अलग जगह की जेलों में बंद थे लेकिन वह सब एक दूसरे से संपर्क में थे। यह सभी सलाखों के पीछे से अपने ऑपरेशन को अंजाम दे रहे थे। लॉरेंस, भगवानपुरिया और दीपक उर्फ ​​टीनू तिहाड़ जेल से फोन के जरिये शूटरों का इंतजाम देख रहे थे।

SIT के मुताबिक, मानसा जेल में बंद मनमोहन सिंह मोहनन ने शूटर्स को पनाह देने का काम किया था। मोहनन खुद गोल्डी, लॉरेंस बिश्नोई और भगवानपुरिया के संपर्क में था। पुलिस ने मानसा जेल से दो मोबाइल फोन जब्त किए थे। जांच दल ने यह भी बताया कि फरीदकोट और बठिंडा जेलों में बंद मोनू डागर और सराज संधू उर्फ ​​मिंटू ने भी चार शूटरों का इंतजाम किया था। जहां फिरोजपुर जेल में बंद मनप्रीत सिंह मन्ना ने कोरोला गाड़ी की व्यवस्था की, वहीं राजस्थान की चुरू जेल में बंद अरशद खान ने हत्या में इस्तेमाल की गई बोलेरो गाड़ी का इंतजाम किया था।