Web Series Mirzapur 2: वेब सीरीज ‘Mirzapur 2’ 23 अक्टूबर को अमेजन प्राइम पर रिलीज होगी। इससे पहले ‘मिर्जापुर’ में उत्तर प्रदेश के कई कुख्यात गैंगस्टरों की जिंदगी की एक झलक नजर आई थी। फिल्म के पार्ट 2 का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है। आज हम आपको यूपी के उन रियल गैंगस्टरों की कहानी से रूबरू कराते हैं जिनकी झलक वेब सीरिज में दिखती है।

सड़कछाप से गुंडा बना ‘गुड्डू पंडित’: वेब सीरीज मिर्जापुर में एक कैरेक्टर ‘गुड्डू’ काफी मशहूर हैं। ‘गुड्डू’ का किरदार अली फैजल ने निभाया है। कहा जाता है कि अली फैजल का किरदार उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया ‘गुड्डू पंडित’ से काफी मिलता-जुलता है। बुलंदशहर जिले की डिबाई विधानसभा से दो बार विधायक रहा गुड्डू पंडित राजनीति में सभी दलों के साथ जा चुका है। बताया जाता है कि मजबूत कद काठी का मालिक गुड्डू कभी बाहुबली मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी के लिए टैक्सी स्टैंड का ठेका वसूलता था। गुड्डू की ख्वाहिश अमर मणि त्रिपाठी की तरह रहने और उनके जैसा रुतबा पाने की थी। अमरमणि के जेल जाने के बाद गुड्डू पंडित ने उनकी संपत्ति भी हथिया ली थी और बुलंदशहर आ गया था। साल 2007 के चुनाव में मायावती ने पार्टी से उसे टिकट दिया और वो पहली बार विधायक बना था।

बृजेश सिंह से प्रेरित है ‘बब्लू पंडित’ का किरदार: मिर्जापुर सीरिज में ‘बब्लू पंडित’ का किरदार भी काफी मशहूर है। इस सीरिज में गुड्डू और बब्लू भाई हैं। बब्लू वो किरदार है जो कालीन भइया को समझाने और उनका धंधा संभालने में काफी माहिर है। कहा जाता है कि ‘बब्लू पंडित’ का किरदार वाराणसी में जन्में बृजेश सिंह से मिलता है।

बृजेश सिंह के बारे में बताया जाता है कि राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में पिता की मौत ने उसके मन में बदले की भावना को जन्म दे दिया। इसी भावना के चलते बृजेश ने अपराध की दुनिया में अपना कदम बढ़ाया। आगे चलकर उसने अपने पिता के पांच हत्यारों को मौत की नींद सुला दिया।

‘मुन्ना’ छोटी उम्र से गैंगस्टर बनना चाहता था: ‘मिर्ज़ापुर’ के सबसे कद्दावर किरदार में से एक हैं ‘मुन्ना त्रिपाठी’। यह एक ऐसा किरदार है, जिसे ‘मिर्ज़ापुर’ पर राज करना है और इसके लिए उसके सामने सबसे बड़ा रोड़ा खुद उनके पिता जी ‘कालीन भईया’ हैं। दिव्येंदु शर्मा ने इस किरदार को इतने आसानी से निभाया है कि लोगों में दिल पर छा गए। कहा जाता है कि मुन्ना त्रिपाठी के किरदार में यूपी के कुख्यात माफिया मुन्ना बजरंगी की झलक नजर आती है। मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है।

यूपी के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में जन्में मुन्ना बजरंगी ने 5वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। वो हथियार रखने का शौकीन था और बड़ा गैंगस्टर बनना चाहता था। कृष्णानंदन राय हत्याकांड को अंजाम देने का आऱोप उसी पर है। हालांकि बाद में मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या हो गई थी।

पूर्वांचल के इन गैंगस्टरों से मिलता है ‘कालीन भइया’ का किरदार: इसमें कोई दो राय नहीं कि पूर्वांचल के इलाकों में एक से बढ़कर एक गैंगस्टर हुए। इनमें से एक बाहुबली नेता का नाम है मुख्तार अंसारी। यूपी के गाजीपुर जिले में जिन्में मुख्तार अंसारी के बारे में कहा जाता है कि वो बचपन से ही साहसी था और छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहा। इसके अलावा कई साल पहले के चर्चित कांस्टेबल सूर्यमणि मिश्रा हत्याकांड से चर्चाओं में ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्रा का नाम भी पूर्वांचल के बाहुबलियों में गिना जाता है।

दरअसल, विजय मिश्रा पर इल्जाम था कि उन्होंने इलाहाबाद डीआईजी के साथ तैनात सिपाही सूर्यमणि मिश्रा की गोली मार कर हत्या कर दी थी। अगर कहें कि पूर्वांचल में राजनीति का अपराधीकरण गोरखपुर से शुरू हुआ था तो हरिशंकर तिवारी इसके सबसे बड़े अगुवा थे। एक जमाने में पूर्वांचल की राजनीति में तिवारी की तूती बोलती थी. रेलवे से लेकर पीडब्लूडी की ठेकेदारी में हरिशंकर का कब्जा था।