बेंगलुरु में कॉटनपेट पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जिसने शहर में 33 साल के फाइनेंसर को 25 लाख रुपये का चूना लगाने के लिए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी होने का नाटक किया था। पीड़ित कारोबारी एस राघवेंद्र की शिकायत के आधार पर शुक्रवार को दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक नवंबर 2022 में एक परिचित हेमंत नायडू ने आरोपी विशुकुमार आर उर्फ ​​अर्जुन से उसका परिचय कराया था।

बेंगलुरु पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा में DSP होने का झूठा दावा

विशुकुमार ने कथित तौर पर बेंगलुरु पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा में पुलिस उपाधीक्षक (DSP) होने का दावा किया और उसकी कॉलर आईडी में अर्जुन आईपीएस नाम दर्ज था। उसने कथित तौर पर अपराध के विजुअल्स और सीसीबी पुलिस की गतिविधियों में राघवेंद्र को अपनी मौजूदगी की तस्वीरें दिखाईं और फाइनेंसर का भरोसा हासिल किया। परिचित होने के कुछ हफ़्ते बाद, विशुकुमार ने कथित तौर पर अपनी शादी के लिए फाइनेंसर से 25 लाख रुपये नकद का कर्ज मांगा।

बैंक खाते में दिए 20 लाख, 5 लाख कैश, शादी में भी हुआ शामिल

राघवेंद्र ने कहा कि विशुकुमार द्वारा तीन महीने के भीतर ब्याज सहित रकम लौटाने का वादा करने के बाद उन्होंने कुछ दोस्तों की मदद से पैसे की व्यवस्था की। उसने विशुकुमार के एक बैंक खाते में 20 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद कॉटनपेट में सीसीबी कार्यालय के पास भी उस नकली पुलिस अधिकारी को 5 लाख रुपये नकद दिए। विशुकुमार की शादी में फाइनेंसर को भी आमंत्रित किया गया था और वह 9 दिसंबर को बेंगलुरु के एक मंदिर में समारोह में शामिल भी हुआ था।

रकम वापस मांगी तो धमकाया, पुलिस के पास जाने से भी रोका

फाइनेंसर की शिकायत के मुताबिक जब उसने 25 लाख रुपये की वसूली के प्रयास शुरू किए तो फरवरी में विशुकुमार ने उससे संपर्क करना बंद कर दिया। कुछ ऐसे मौकों पर जब दोनों मिले या फोन उठाया तो विशुकुमार ने कथित तौर पर काम में व्यस्त होने का दावा किया। फर्जी पुलिस अधिकारी विशुकुमार ने कथित तौर पर फाइनेंसर को पैसे की वसूली के लिए पुलिस से संपर्क करने पर बेंगलुरु के सभी पुलिस स्टेशनों में अपने संपर्कों के माध्यम से गिरफ्तारी की धमकी भी दी।

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नकली पुलिस अधिकारी और ठग होने की जानकारी मिलने पर शिकायत

फाइनेंसर के मुताबिक प्रताड़ित किए जाने के डर से उसने जून तक पुलिस से संपर्क नहीं किया था। दोस्तों और सहयोगियों के माध्यम से यह जानने के बाद कि विशुकुमार एक नकली पुलिस अधिकारी था और उसने आईपीएस अधिकारी होने का नाटक करके कई लोगों को ठगा था फाइनेंसर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करने का साहस जुटाया।