Aurangabad Train Accident: इधर महाराष्ट्र में एक बड़ा हादसा हो गया है। बताया जा रहा है कि रेल पटरी पर आराम कर रहे प्रवासी मजदूरों को मालगाड़ी ने रौद दिया। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई है और 5 लोग जख्मी हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए औरंगाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि यह हादसा जालना और औरंगाबाद के बीच साउथ सेंट्रल रेलवे के नानेद डिवीजन के पास हुआ है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि प्रवासी मजदूर जालना से भुसावल की और पैदल जा रहे थे। यह सभी मजदूर मध्य प्रदेश लौट रहे थे। थकान की वजह से यह मजदूर पटरी पर आराम कर रहे थी। इसी दौरान शुक्रवार की सुबह करीब 5 बजे यहां से एक मालगाड़ी गुजरी और यह बड़ा हादसा हो गया।
औरंगाबाद रेल हादसे के बाद यह बात सामने आई है कि करीब 20 मजदूर घर जाने के लिए वहां से निकले थे। 'दैनिक भास्कर' की रिपोर्ट के मुताबिक
गुरुवार शाम इन सभी ने मिलकर रास्ते में खाना खाने के लिए करीब 150 रोटियां बनाई थी। एक टिफिन में चटनी भी थी। सभी की उम्र 21 से 45 साल के बीच थी। कुछ शहडोल के थे तो कुछ कटनी के। औरंगाबाद जिले के करमाड तक पहुंचे तो रात गहरी हो चली थी। जिसके बाद इन लोगों ने वहीं आराम करने का फैसला किया।
भारतीय रेलवे के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है कि 'बदनापुर और करमाड स्टेशन के बीच परभनी-मनमाद सेक्शन के पास आज तड़के कुछ मजदूरों को ट्रैक पर देखने के बाद मालगाड़ी के लोको पायलट ने ट्रेन को रोकने की कोशिश की लेकिन दुर्भाग्यवश वह ट्रेन की चपेट में आ गए। घायलों को औरंगाबाद के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया।
औरंगाबाद से घर वापसी की ओर कदम बढ़ा रहे ये प्रवासी मजदूर 35 किलोमीटर पैदल चले थे, मगर रास्ते में चलते-चलते उन्हें थकावट महसूस हुई और पटरी पर ही झपकी लेने लगे। जिसके बाद वो ट्रेन की पटरी पर ही सो गए। अहले सुबह 5 बजे तेज रफ्तार में आती मालगाड़ी उन्हें रौंद कर गुजर गई।
कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण देशभर में मजदूर फंस गए हैं। कई जगह से हजारों की संख्या में मजदूर पैदल ही अपने गांव-घर की ओर निकल रहे हैं। ऐसे में रात को रुकने के लिए सैकड़ों मजदूरों ने यहां रेलवे ट्रैक का सहारा लिया। बीते दिनों केंद्र सरकार की ओर से मजदूरों को उनके राज्य वापस भेजने की इजाजत दे दी गई थी। जिसके बाद राज्य सरकारों ने बसों की व्यवस्था कर अपने मजदूरों को बुलाया। इसके अलावा रेलवे की ओर से स्पेशल श्रमिक ट्रेन भी चलाई गई हैं, जो मजदूरों को उनके राज्य पहुंचा रही हैं।
दक्षिण मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि यह हादसा औरंगाबाद के कर्माड के पास हुआ है। मालगाड़ी का एक खाली डिब्बा कुछ लोगों के ऊपर चढ़ गया। कोरोना वायरस की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घर जा रहे हैं। ऐसे में रात में रुकने के लिए वे रेलवे ट्रैक का सहारा ले रहे हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि यह मजदूर ट्रेन पकड़ने की आस में निकले थे। मजदूर जालना की एसआरजे स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। औरंगाबाद से गुरुवार को मध्य प्रदेश के कुछ जिलों के लिए ट्रेन रवाना हुई थी। इसी वजह से जालना से ये मजदूर औरंगाबाद के लिए रवाना हुए। रेलवे ट्रैक के बगल में 40 किमी चलने के बाद वे करमाड के करीब थककर पटरी पर ही सो गए।
इस घटना के बाद रेल मंत्रालय ने भी ट्वीट किया है। रेल मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि 'अहले सुबह मालगाड़ी के लोको पायलट ने देखा कि कुछ लोग रेल की पटरी पर सो रहे हैं। इसके बाद ट्रेन को रोकने की कोशिश की गई लेकिन दुर्भाग्यवश ट्रेन बदनापुर और करमाद स्टेशन के बीच मजदूरों को रौंदते हुए निकल गई। इस मामले में जांच के आदेश दे दिये गये हैं।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि 'महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए रेल एक्सीडेंट में हुई मौतों से बहुत दुखी हूं. इस मामले में रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की है और वह स्थिति की बारीकी से मॉनीटरिंग कर रहे हैं. आवश्यक हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।'