Digital Arrest Kya Hota Hai: डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं। ठगी के इस हथकंडे से अंजान लोग इसके शिकार हो रहे हैं और अपने पैसे गंवा रहे हैं। ऐसे में लोगों का जागरूक होन की जरूरत है, ताकि वे खुद को ठगी से सुरक्षित रख सकें। इस आर्किटल में हम आपको इससे जुड़ी हर जानकारी दे रहे हैं।
टेक्नोलॉजी की तरक्की ने जहां आम लोगों की जिंदगी आसान कर दी है। वहीं, उन्हें अपराध का शिकार होने के लिए और ज्यादा अवेलेबल बना दिया है। जरूरी नहीं है कि आप बाहर जाएंगे तो ही आपके साथ हादसा हो सकता है। आप घर बैठे भी अपराधियों की चंगुल में फंस सकते हैं और मेहनत से कमाए अपने लाखों रुपये गंवा सकते हैं।
आज कल ‘डिजिटल अरेस्ट’ टर्म काफी चर्चा में है। रोजाना इससे जुड़ी खबरें सुनने और पढ़ने को मिल रही हैं। लोग इस अपराध का शिकार होकर अपनी गाढ़ी कमाई खो रहे हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर ‘डिजिटल अरेस्ट’ क्या है? किन हथकंडों को आजमा कर जालसाज इसे अंजाम देते हैं? आप अगर इस माया जाल में फंस जाएं तो खुद को कैसे बचाएं? वहीं, अगर इसके शिकार हो गए हैं तो कैसे शिकायत करें।
पहले समझिए क्या है डिजिटल अरेस्ट?
टेक्नोलॉजी के दौर में ये ऑनलाइन धोखाधड़ी का एक नया तरीका है। इस धोखाधड़ी में जालसाज खुद को पुलिस या जांच एजेंसियों का कर्मचारी बताकर लोगों को डराने की कोशिश करते हैं। ये ठग वीडियो कॉल के जरिए हर समय अपने शिकार की हरकतों पर नजर रखते हैं कि आप क्या कर रहे हैं। वे ये सब देखते हैं कि आप उनकी चंगुल में फंसने के बाद कहां जा रहे हैं और किससे बात कर रहे हैं।
एक तरह से वीडियो कॉल की मदद से ये ठग व्यक्ति को उसके घर में ही नजरबंद कर देते हैं। आपके माइंड और मोबाइल पर कब्जा जमा लेते हैं। पुलिस गिरफ्तारी का डर दिखाकर ये ठग पैसों की मांग करते हैं। वहीं, डरे सहमे लोग गिरफ्तारी से बचने के लिए लोग इनकी बात मान लेते हैं और ठगी का शिकार होते हैं।
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ये ठग धीरे-धीरे जांच और गिरफ्तारी का डर दिखाकर लोगों से पैसे ट्रांसफर करने को कहते हैं। वे विभिन्न अकाउंट में यूपीआई के जरिए पैसे मंगवा लेते हैं।
आप डिजिटल अरेस्ट किस तरह से हो सकते हैं?
- स्कैमर्स सीबीआई, ED या पुलिस अधिकारी बनकर आपको कॉल करेंगे और बताएंगे कि आपको मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है।
- स्कैमर्स आपको इस बात का विश्वास दिलाएंगे कि आपने जो पार्सल विदेश भेजा है उसमें से गैरकानूनी सामान बरामद हुए हैं। आपके ऐसा कहने पर कि मैंने कोई सामान नहीं भेजा पर वो ये यह कहेंगे कि आपका आधार कार्ड और फोन नंबर का इस काम में यूज हुआ है।
- अनजान नंबर से आपको वीडियो कॉल आएगा। उठाने पर दूसरी तरफ एक बिना वस्त्र की महिला दिखई देती। वो स्क्रीनशॉट ले लेगी। फिर पैसों के लिए ब्लैकमेलिंग शुरू होगी।
- कई लोगों को फर्जी इमेल भी आते हैं, जो किसी सरकारी जांच एजेंसी की मेल जैसा लगता है। उसमें स्टांप तक लगे होते हैं। उसमें ये कहा जाता है कि आपके खिलाफ जांच चलेगी।
- लोन ऐप के जरिए भी डिजिटल अरेस्ट कर लिया जाता है। पहले इन ऐप्स से आसानी से लोन दिया जाता है, फिर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू होता है।
- सिम कार्ड को लेकर भी अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। ठग आपको ये कहेंगे कि आपने नाम की सिम से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया गया है।
- ऑनलाइन सामान मंगाने के नाम पर भी आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा सकता है। वे कहेंगे कि आपके नाम पर किसी ने गैरकानूनी सामान भेजा है।
डिजिटल अरेस्ट होने पर खुद को कैसे बचाएं?
- पूरी तरह से जागरूक रहे, किसी की धमकी से डरें नहीं।
- संदिग्ध आईडी से आए इमेल में दिए गए किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें।
- Whatsapp और Facebook Messenger जैसे इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप्स पर किसी बिजनस अकाउंट से वेरिफाइड का बैज देखकर ही बात करें।
- सोशल मीडिया पर पार्ट टाइम जॉब को लेकर पोस्ट किए पोस्ट्स पर अपनी जानकारी साझा ना करें। ना ही उनकी लिंक पर क्विल करें।
- स्टॉक में निवेश करके मोटी रकम का फाजदा कमाने वाले दावों पर विश्वास ना करें। ना ही उनमें इनवेस्ट करें।
- कॉलर आईडी बताने वाले ऐप फोन में इंस्टाल करें। ताकी स्कैम कॉलर की पहचान हो सके। फोन सिक्योरिटी ऑन रखें।
- किसी भी तरह की मामले में संलिप्तता बताए जानें पर अगर शक हो तो सीधे उस एजेंसी से संपर्क करें। उनके सोशल मीडिया हैंडल पर उन्हें सूचना दें।
- किसी भी कीमत पर फोन में ठग द्वारा बताए जा रहे कोई ऐप डाउनलोड ना करें।
- कोई अगर ब्लैकमेल करे तो तुरंत पुलिस की मदद लें। परिजनों को बताएं। किसी भी कारण से अपने तक ही बात सीमीत ना रखें।
डिजिटल अरेस्ट का शिकार होने पर कहां शिकायत करें?
- देश में बढ़ रहे साइबर क्राइम को देखते हुए सरकार ने एक पोर्टल cybercrime.gov.in लॉन्च की है। यहां पर आप अपने साथ हुई घटना की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पोर्टल पर हर राज्य के लिए अलग नंबर दिए गए हैं। इन पर कॉल करके आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- इस बाबत दिल्ली पुलिस ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है 1930 जिसपर कॉल करके आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- डिजिटल अरेस्ट का शिकार होने पर आप सीधे 112 पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- विभिन्न बैंक ने भी इन घटनाओं से जुड़ी शिकायत के लिए नंबर जारी किए हैं। आप अपने बैंक की इस नंबर का पता लगाकर उसको सेव कर लीजिए। परिजनों को भी ऐसा करने को कहिए।