यूपी में वैसे तो कई बाहुबली हुए लेकिन पश्चिमी यूपी में जब अपराधी पनपने शुरू हुए तो मामला नहीं थमा। अभी भी कई अपराधी हैं जिनका इलाकों में खौफ है और कुछ तो ऐसे हैं जिनके जेल में बंद होने के बावजूद भी आतंक बरकरार है। इन्हीं में से एक नाम हापुड़ के आशु जाट का है। फिलहाल, आशु जाट जेल में बंद है लेकिन मिर्ची गैंग का यह सरगना भेष बदलने में माहिर बताया जाता है।
हापुड़ के रहने वाले आशु जाट ने अपने भाई भोला की राह पर चलते हुए आपराधिक वारदातों को अंजाम देना शुरू किया था। भाई भोला पहले लूटपाट और डकैती में शामिल था लेकिन जब उसने मिर्ची गैंग बनाई तो इलाके में धाक जमा ली। जब भोला जेल गया तो आशु जाट गैंग का सरगना बना। इस गैंग का नाम कुछ यूं पड़ा कि भोला या आशु से जुड़े बदमाश वारदात के समय आंखों में मिर्ची झोंककर फरार हो जाते थे।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, आशु जाट को ही मिर्ची गैंग का सरगना माना गया है। हालांकि पुलिस डोजियर में इस गैंग को डी-112 गैंग के नाम से दर्ज किया गया और इस गैंग में करीबन 90 बदमाश शामिल है। वहीं, माना जाता है कि यह वे बदमाश हैं जिन्होंने पकड़े जाने पर अपनी गैंग का खुलासा किया बाकी बदमाशों की संख्या तो सैंकड़ों में है।
साल 2009 में आशु जाट को माफिया उमेश भाई दलवीर का साथ मिला। इन दोनों की मुलाकात डासना जेल में हुई थी। जब यह बाहर आये तो ताबड़तोड़ लूट व हत्याओं को अंजाम दिया। इसमें 2019 में नोएडा के गौरव चंदेल के साथ लूटपाट, हत्या और सॉफ्टवेयर इंजीनियर गौरव सिंह के साथ लूटपाट व चाकू से हाथ काट देने की घटना शामिल थी।
आशु जाट चर्चा में तब आया जब इसने अपने ससुर से उधारी वसूलने पहुंचे भाजपा पन्ना प्रमुख चंद्रपाल को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद चंद्रपाल हत्या मामले में पैरवी करने पहुंचे भाजपा नेता राकेश शर्मा की हत्या कर आशु जाट ने पुलिस और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे। इन घटनाओं को अंजाम देने के बाद वह फरार हो गया था।
शुरुआत में आशु जाट पर 5 हजार का इनाम घोषित हुआ लेकिन जैसे-जैसे हापुड़, गाजियाबाद, अलीगढ़, मेरठ, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा समेत कई जनपदों में मामले बढ़े इनामी धनराशि 2.50 लाख तक जा पहुंची। आशु पर हत्या, डकैती, लूट-अपहरण जैसे 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा आशु जाट कई पेट्रोल पंप व टोल प्लाजा लूट में भी शामिल रहा है और उसे इस काम में महारत हासिल थी।
जब डेढ़ साल की फरारी के बाद उसे साल 2020 में मुंबई से पकड़ा गया था तो आशु वहां सड़क किनारे सब्जी का ठेला लगाता था। वह भाजपा नेता राकेश शर्मा, चंद्रपाल और नोएडा के चर्चित गौरव चंदेल हत्याकांड में वांछित था। इसके अलावा उसने गाजियाबाद में एक बार दारोगा से भी लूटपाट की थी और जब दारोगा ने विरोध किया तो इस कुख्यात अपराधी ने दारोगा का कान दांत से चबा लिया था।