झारखंड के सिमडेगा जिले के छपरीदीपा गांव में मंगलवार को 34 वर्षीय एक व्यक्ति को ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मारव डाला। बाद में उसके शरीर को आग लगा दी थी। उस पर आरोप है कि उसने उस पर उस स्थान पर पेड़ काटे थे, जिसे वे अपने आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार पवित्र मानते थे।
पुलिस ने कहा कि झारखंड के सिमडेगा जिले के छपरीदीपा गांव के संजू प्रधान को पेड़ गिरने के मुद्दे पर चर्चा करने और हल करने के लिए बैठक में बुलाया गया था, लेकिन बैठक में वह शामिल नहीं हुआ। इस पर गुस्साए ग्रामीणों के एक बड़े समूह ने दोपहर में उसे घर से बाहर खींच लिया, और उसको पास के बेसराजारा गांव ले गए, जहां सभा बुलाई गई थी। वहां बाजार के पास उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी।
कोलेबिरा पुलिस थाने के अधिकारियों ने कहा कि मृतक प्रधान के खिलाफ तीन प्राथमिकी दर्ज की गई थी, क्योंकि वह प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) समूह का पूर्व सदस्य था। उसे गिरफ्तार किया गया था और हाल ही में उसे जमानत मिली थी। ग्रामीणों से पुलिस को मौके पर पहुंचने की अनुमति मिलने के बाद शाम को उसका जला हुआ शव बरामद किया गया।
कोलेबिरा थाना प्रभारी रामेश्वर भगत ने कहा कि ग्रामीणों ने पहले प्रधान के क्षेत्र में पेड़ काटने पर आपत्ति जताई थी. “वे नहीं चाहते थे कि पेड़ों की कटाई जारी रहे इसलिए पिछले साल जुलाई में जिले के वन विभाग के साथ एक बैठक हुई थी। उन्होंने बताया, एक ग्राम सभा आयोजित की गई और निर्णय लिया गया कि प्रधान पेड़ नहीं काटेंगे। क्योंकि यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।”
हालांकि प्रधान ने हाल ही में वहां फिर से पेड़ काट दिए, जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। भगत ने कहा, “फिर से एक बैठक बुलाई गई, लेकिन प्रधान नहीं आया।” “इस पर ग्रामीणों की गुस्साई भीड़ उसे बेसराजारा इलाके में ले आई और उसे पीट-पीट कर मार डाला। उन्होंने उसके शरीर को भी आग के हवाले कर दिया। सूचना मिलने के बाद हम मौके पर पहुंचे। हम ग्रामीणों से बातचीत के बाद ही वहां पहुंच पाए।”
घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए, सिमडेगा के उपायुक्त सुशांत गौरव ने कहा, “हम उन घटनाओं के सटीक क्रम का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके कारण हत्या हुई। यह सच है कि गांव वाले उस इलाके को पवित्र मानते थे, जहां से वह पेड़ काटता था… प्रशासन और पुलिस दोषियों को सजा दिलाने में जुटी है।”