Jhansi Hospital Fire News: उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार शाम आग लगने से 11 बच्चों की मौत हो गई। आग अस्पताल के न्यूबॉर्न क्रिटिकल केयर यूनिट (एनआईसीयू) में संभवतः शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी। फायर ब्रिगेड की टीम के मौके पर पहुंचने से पहले डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को धुएं से भरे वार्ड की खिड़कियां तोड़कर नवजात बच्चों को बाहर निकालते देखा गया था।

आग लगने के बाद कई बच्चों की जान बचाई

हालांकि, इस दौरान एक और शख्य था जो आग की लपटों के बीच फरिश्ता बन बच्चों को बचा रहा था। इस शख्स का नाम है याकूब मंसूरी। इस शख्स ने NICU में आग लगने के बाद कई बच्चों की जान बचाई। हालांकि, उनकी अपनी जुड़वां बेटियों की हादसे में मौत हो गई।

जानकारी अनुसार 20 साल का याकूब मंसूरी शुक्रवार की रात दूसरे लोगों के बच्चों के लिए हीरो था। हमीरपुर निवासी याकूब एक सामान्य फूड वेंडर हैं। वे बीते एक हफ्ते से महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज की NICU के बाहर सो रहे थे। यहां उनकी दो नवजात जुड़वां बेटियां भर्ती थीं।

अपने जुड़वां बच्चों का ख्याल रख रहे थे याकूब

वे अपनी पत्नी नज़मा के साथ, बारी-बारी से जुड़वां बच्चों का ख्याल रख रहे थे। इसी दौरान जब शुक्रवार की रात आग लगी, तो याकूब खिड़की तोड़कर वार्ड में घुसे और जितना संभव हो सका उतने बच्चों की जान बचाई। लेकिन उनकी दोनों बेटियां उनमें नहीं थीं।

उनकी दोनों जुड़वां लड़कियों के शवों की पहचान शनिवार को बाद में की गई। घटना के बाद नज़मा और याकूब पूरे दिन अस्पताल के बाहर बैठे रहे, उनकी आंखों में अविश्वास और दुख झलक रहा था।

बता दें कि घटना के समय एनआईसीयू में कुल 54 बच्चे भर्ती थे। उन में 44 को बचाया जा सका। जबकि बचाए गए बच्चों में से भी एक की इलाज के दौरान मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, 10 पीड़ितों में से सात की पहचान कर ली गई है।

घटना के हृदयविदारक वीडियो में हादसे में मारे गए बच्चों के लिए परिजन रोते बिलखते दिख रहे हैं। “मेरा बच्चा जलकर मर गया है,” रोती हुई एक महिला ने कहा जिसने अपना बच्चा खो दिया था।