Jessica Lal Murder Case: देश के सबसे चर्चित मर्डर केस में से एक जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा को अदालत से उम्रकैद की सजा मिली थी। करीब 14 साल तक जेल में बिताने के बाद अब हत्यारे मनु शर्मा को जेल से इसलिए रिहा कर दिया गया है क्योंकि कभी एक मॉडल को सिर में गोली मारने वाले का व्यवहार जेल में अच्छा था। एक उभरती मॉडल के मर्डर से लेकर हत्यारे के रिहाई तक की पूरी कहानी बेहद दिलचस्प है।
उपराज्यपाल के आदेश पर हुई रिहाई: दिल्ली के लेफ्टिनेंट जनरल अनिल बैजल ने साल 1999 के इस सबसे चर्चित मामले के मुख्य आरोपी को आजाद करने का आदेश जारी किया। दरअसल सात सदस्यों वाली Sentence Review Board (SRB) ने अब से करीब 7 महीने पहले अदालत से सजा पाए 34 अपराधियों को जेल से रिहा करने को लेकर एक सूची बनाई थी। इस सूची में मनु शर्मा का नाम भी था। इस बोर्ड ने उपराज्यपाल के पास अपनी सिफारिश भेज कर कहा था कि मनु शर्मा का व्यवहार जेल के भीतर अच्छा है और इस ग्राउंड पर अब उसे रिहा किया जा सकता है। जिसके बाद उपराज्यपाल ने मनु शर्मा को आजादी लौटा दी।
किसकी होती है रिहाई? मनु शर्मा का अपराध कितना संगीन था? यह हम आपको आगे बताएंगे लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि आम तौर पर जेल से किस तरह के कैदियों को रिहा किया जाता है? दुष्कर्म और हत्या, हत्या और लूटपाट या आतंकवाद फैलाने के दौरान हत्या करने जैसे अपराधों की सजा पाए वैसे कैदी जिन्होंने 14 जेल की काल-कोठरी में गुजार ली हो उन्हें रिहाई के योग्य माना जाता है। इसके अलावा जेल में इस कैदी के व्यवहार और सजा पाने से पूर्व उसके द्वारा जेल में बिताए गए वक्त को आधार बनाकर कैदी के रिहाई की सिफारिश की जाती है। इसके अलावा कुछ अन्य अत्यंत ही खास परिस्थित्यों में भी कैदियों को रिहा किया जाता है।
नवंबर 2019 में सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा के वकील अमित साहनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में उसके रिहाई को लेकर अर्जी लगाई थी और कहा था कि मनु शर्मा ने कुल 23 साल जेल (सजा सुनाए जाने से पहले जेल में बिताए वक्त को मिलाकर) में काटे हैं लिहाजा अब उन्हें रिहा करने की अनुमति दी जाए। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने बोर्ड को आदेश दिया था कि वो इस मामले को देखें। इसी साल 11 मई को बोर्ड की मीटिंग में मनु शर्मा का नाम रिहा होने वाले कैदियों की लिस्ट में शुमार हो गया था।
मनु शर्मा की रिहाई की पूरी कहानी के बाद अब जान लीजिए उसके भयानक अपराध की पूरी दास्तान…
मॉडल को सिर में मारी गोली: 29 अप्रैल, 1999 को कुतुब कोलोनेड के टैमरिंड कोर्ट रेस्त्रां में रईसजादे मनु शर्मा और उसके दोस्त पार्टी कर रहे थे। हाई-प्रोफाइल पार्टी के दौरान रात करीब 11.30 बजे मनु शर्मा ने शराब बार टेबल के पीछे खड़ी जेसिका लाल से और शराब की डिमांड की। जेसिका ने मनु शर्मा को जवाब दिया कि शराब खत्म हो चुका है और वैसे भी इस समय तक बार बंद हो जाता है। यह बात कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे विनोद शर्मा के बेटे को इतनी नागवार गुजरी उसने अपनी .22 कैलिबर की पिस्टल निकाल कर हवा में एक फायरिंग की और दूसरी गोली बिल्कुल नजदीक से जेसिका के सिर में मार दी।
गवाहों ने बदले बयान: उस वक्त तो मनु शर्मा वहां से भाग गया लेकिन जेसिका लाल हत्याकांड के नाम से मशहूर यह मामला निचली अदालत में पहुंचा। उस वक्त बार में मौजूद लोगों ने इतनी बार अपनी गवाही बदली कि मनु शर्मा साल 2006 में ट्रायल कोर्ट से बड़ी आसानी से रिहा हो गया। यहां तक कि मर्डर के वक्त जेसिका के बिल्कुल पास खड़े रेस्त्रां कर्मचारी ने भी अपना बयान बदल लिया था। हालांकि इसके बाद जल्दी ही एक स्टिंग ऑपरेशन में गवाहों का झूठ सामने आया और फिर तो जैसे देश में इस हत्याकांड को लेकर बवाल खड़ा हो गया। जेसिका को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदर्शन भी शुरू हो गए।
जेसिका को मिला इंसाफ: दबाव में आकर दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में दोबारा अपील की और इस बार अदालत ने नए सबूतों औऱ गवाहों को मद्देनजर रखते हुए मनु शर्मा को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुना दी। इसके बाद मनु शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की। 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सज़ा बरकरार रखी।

