जम्मू कश्मीर के विभिन्न कॉलेजों की 500 छात्राएं भारत दर्शन पर हैं। इस क्रम में ये सभी मुंबई पहुंची थीं। लेकिन होटल में रुकने के दौरान सभी छात्राएं असुरक्षित महसूस कर रही थीं। मुंबई स्थित गोरेगांव के एक होटल में रुकी ये सभी छात्राएं उस समय होटल में असुरक्षित महसूस करने लगीं जब उन्होंने रिव्यू पढ़ें।
न केवल कमरे गंदे और बदबूदार थे और व्यवस्थाएं घटिया थीं, बल्कि वे इसलिए भी असुरक्षित महसूस कर रहीं थीं क्योंकि रिव्यूज में सेक्स रैकेट का उल्लेख था और एक कर्मचारी के फोन पर न्यूड महिलाओं की तस्वीरें पाई गईं थीं। लगभग 800 छात्र 19 नवंबर को जम्मू के कटरा से ज्ञानोदय एक्सप्रेस (जिसे कॉलेज ऑन व्हील्स के नाम से भी जाना जाता है) से रवाना हुए थे और पांच दिन बाद मुंबई पहुंचे थे।
छात्रों के साथ आये प्रो. राजेश सिंह ने कहा, “कुल 500 छात्रों को गोरेगांव के रॉयल पाम्स होटल में रखा गया था और बाकी को साकी नाका के एक होटल में कमरे दिए गए थे। हालांकि रॉयल पाम्स में सभी छात्रों के लिए रात के खाने की व्यवस्था की गई थी।” उन्होंने कहा कि दिल्ली और अहमदाबाद के अनुभव के बाद उन्हें यह होटल निम्न स्तर का लगा। कमरे बदबूदार थे, बिस्तर की चादरों पर दाग थे और इससे छात्रों को बेहद असुविधा हुई। छात्रों ने होटल के बारे में रिव्यूज जानने के लिए ऑनलाइन सर्च किया और उन्हें यह खबर मिली कि रॉयल पाम्स में एक हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, तो वे घबरा गईं।
राजेश सिंह ने कहा, “रात का खाना 800 लोगों के लिए परोसा जाना था, लेकिन टेबल की व्यवस्था केवल 100 लोगों के लिए थी, जिससे अव्यवस्था हो गई। जब रात का खाना चल रहा था, तो लाइटें 20-25 मिनट के लिए बंद हो गईं। पहले तो छात्रों ने सोचा कि बिजली कटी है, लेकिन उन्हें पता चला कि कुछ मेहमान जो संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, उनको दूर ले जाने के लिए लाइटें जानबूझकर बंद कर दी गई थीं।”
लाइटें बंद होने पर कर्मचारियों से बहस हो गई और एक कर्मचारी ने इसकी रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। छात्रों ने रिकॉर्डिंग मिटाने के लिए मोबाइल छीन लिया और इस दौरान उन्हें न्यूड तस्वीरें मिलीं, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई। गद्दों के लिए अनुरोध किया गया था क्योंकि सभी ने गलियारे में सोने का विकल्प चुना था, लेकिन होटल ने मना कर दिया। राजेश सिंह ने कहा, “हमें बेहद दुखद अनुभव हुआ और हममें से कोई भी पूरी रात सो नहीं सका।”
आईआरसीटीसी ने जम्मू-कश्मीर उच्च शिक्षा परिषद के साथ पार्टनरशिप की है। राजेश सिंह ने कहा कि इस दौरे को जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा फाइनेंस किया गया है, जिसने 4.8 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। आईआरसीटीसी की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सीमा कुमार ने कहा, “हमने एक जांच शुरू की है। न केवल ठेकेदार बल्कि हमारे कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर है।”