रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के 33 साल के कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी ने 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सवार चार लोगों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस पर बुर्का पहनी हुई एक महिला यात्री को धमकी देने का भी आरोप है। महिला के अनुसार, आरपीएफ जवान ने बंदूक की नोक पर महिला को जय माता दी कहने के लिए मजबूर किया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच कर रही रेलवे पुलिस (GRP) बोरीवली ने महिला की पहचान की और उसका बयान दर्ज किया। उसे मुख्य गवाह बनाया गया है। सूत्रों ने बताया कि पूरा घटनाक्रम ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। जानकारी के अनुसार, आरोपी चौधरी ने अपने सीनियर आरपीएफ के एएसआई टीकाराम मीणा सहित तीन यात्रियों अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन भानपुरावाला, सैयद सैफुद्दीन और असगर अब्बास शेख की गोली मारकर हत्या कर दी थी। फिलहा आरोपी चौधरी हिरासत में है।

रिपोर्ट के अनुसार, कोच B5 में मीणा को सबसे पहले गोली मारी गई थी। इसके बाद भानपुरावाला को गोली मारी गई। वहीं B2 में यात्रा कर रहे सैफुद्दी को पेंट्री कार में ले जाकर उसकी हत्या की गई। इसके अलावा सबसे आखरी में S6 में सवार शेख पर फायरिंग की गई।

B3 में बुर्का पहनी महिला को बनाया निशाना

चौधरी वारदात के समय जब बोगी में जा रहा था तो उसने B3 में बुर्का पहनी महिला यात्री को निशाना बनाया। महिला ने अपने बयान में कहा है कि आरोपी जवान ने उसके ऊपर बंदूक तान दी और उसे “जय माता दी” कहने को कहा। जब उसने ऐसा किया तो उसने कथित तौर पर उसे इसे ज़ोर से कहने के लिए कहा।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि महिला ने कथित तौर पर उसकी बंदूक दूर धकेल दी और उससे पूछा, “तुम कौन हो”। जिसके बाद चौधरी ने उसे धमकी दी कि अगर उसने उसके हथियार को छुआ तो वह उसे मार देगा। ट्रेन के कथित वीडियो क्लिप में चौधरी को एक शव के पास खड़े होकर यह कहते हुए सुना जाता है: “…पाकिस्तान से ऑपरेट हुए ये, और मीडिया यही कवरेज दिखा रही है, उनको सब पता चल रहा है ये क्या कर रहे हैं… अगर वोट देना है, अगर हिंदुस्तान में रहना है तो मैं कहता हूं मोदी और योगी, ये दो हैं।”

जांच में चौधरी की आवाज वीडियो क्लिप में आवाज से मेल खाता पाया गया। इन क्लिपों और ट्रेन में यात्रियों के विवरण के आधार पर चौधरी पर आईपीसी की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के अलावा 302 (हत्या), 363 ( अपहरण), 341 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से कारावास), और शस्त्र अधिनियम और रेलवे अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।