सुकेश चंद्रशेखर (sukesh Chandrasekhar) ठगों की दुनिया को वो ठग जो सामने वाले से पैसे भी ले लेता था और उसे पता भी ना चलता था। कभी करुणानिधि का पोता तो कभी येदियुरप्पा का सचिव बनकर इस महाठग ने दर्जनों लोगों को ठगा है। इसकी ठगी का आलम ये है कि इसने तिहाड़ जेल में बैठे-बैठे ही 200 करोड़ की वसूली कर डाली।

सुकेश चंद्रशेखर (sukesh Chandrasekhar) एक जाना माना ठग है। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। इसका ठगने का तरीका लगभग एक जैसा है। किसी मंत्री या प्रभावशाली व्यक्ति से जुडा होने का दिखावा करता है, मीठी-मीठी बातें करते हुए लाखों-करोड़ों लेकर फरार हो जाता है। सुकेश 17 साल की उम्र से ठगी कर रहा है। इस समय उसने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे का दोस्त होने का नाटक करके 1.14 करोड़ रुपये एक परिवार से ले लिया था। इसी आरोप में पहली बार बेंगलुरु पुलिस ने 2005 में सुकेश को गिरफ्तार किया था।

2007 के बाद, वह कई पड़ोसी राज्यों – आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में चला गया। उसने हैदराबाद के जुबली हिल्स में एक विशाल अपार्टमेंट किराए पर लिया और लग्जरी कारों को किराए पर लेने के लिए 25 लाख रुपये खर्च किए।

इस दौरान उसने कई बड़े राजनेताओं और अन्य हस्तियों के रिश्तेदार होने की बात लोगों को बताई। एम करुणानिधि के पोते के रूप में, कर्नाटक के पूर्व मंत्री करुणाकर रेड्डी के सहयोगी और यहां तक ​​​​कि बीएस येदियुरप्पा के सचिव के रूप में भी अपने आप को लोगों के सामने पेश किया।

2017 में सुकेश को एक बड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया। इस मामले ने सबके ध्यान खींचा। अप्रैल 2017 में, सुकेश को इस आरोप में गिरफ्तार किया गया था कि उसने अन्नाद्रमुक के पूर्व नेता टीटीवी दिनाकरन से पार्टी के ‘दो पत्ते’ के चुनाव चिन्ह पर चुनाव आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए पैसे लिए थे।

चंद्रशेखर पर आरोप था कि उन्होंने दिनाकरन के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक धड़े को ‘दो पत्ती’ का चिह्न रखने में मदद करने के लिए 50 करोड़ रुपये का सौदा किया। गिरफ्तारी के समय उसके पास से कथित तौर पर 1.3 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई थी। सुकेश को गिरफ्तार कर दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

हालांकि, उसकी आपराधिक गतिविधियां तिहाड़ में नहीं रूकी। रिपोर्टों के अनुसार, सुकेश ने जेल से लोगों को ठगना जारी रखा। उसने जेल से 200 करोड़ रुपये की वसूली को अंजाम दे डाला। ये जेल में बंद किसी आरोपी द्वारा अब तक की सबसे अधिक वसूली है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने करीब 200 करोड़ रुपये की आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जबरन वसूली के आरोप में इसके खिलाफ मामला दर्ज किया है।

इसके बाद सात अगस्त को फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह की पत्नी अदिति सिंह ने दावा किया कि उन्हें पिछले साल जून में कानून मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में एक व्यक्ति का फोन आया था, जिसने उनके पति के लिए पैसों के बदले सुरक्षित जमानत में मदद करने की पेशकश की थी। जो उस समय जेल में था। पुलिस के मुताबिक, सुकेश चंद्रशेखर (sukesh Chandrasekhar) ने ही अदिति को फोन किया था और उसे अगस्त में गिरफ्तार किया गया था।

प्रवर्तन निदेशालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में चेन्नई में सुकेश की संपत्तियों पर छापा मारा था। ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए लगाया गया था। जांच के दौरान, सुकेश से जुड़े बिचौलियों, बैंकरों और सहयोगियों के परिसरों की तलाशी ली गई थी।

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि जेल में बंद होने के बावजूद सुकेश चंद्रशेखर (sukesh Chandrasekhar) ने लोगों को ठगना बंद नहीं किया। ईडी ने कहा कि सुकेश ने तकनीक का इस्तेमाल किया और लोगों को स्पूफ कॉल किया। ईडी ने कहा- “उसने एक सरकारी अधिकारी होने का दावा किया, जो लोगों को एक निश्चित कीमत के लिए मदद करने की पेशकश कर रहा था। इस मामले में भी सुकेश चंद्रशेखर ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का नाम लेकर 200 करोड़ रुपये की उगाही की।

ईडी ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि सुकेश और उनकी गर्लफ्रेंड लीना मारिया पॉल चेन्नई के एक बंगले में आलीशान जिंदगी जी रहा था, जो किसी रिसॉर्ट से कम नहीं है। ईडी ने कहा कि यह घर समुद्र के सामने एक आलीशान बंगला है, जिसमें होम थिएटर, कारों और नौकरों की एक बड़ी संख्या यहां मौजूद है। अब इन संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है।

उसके चेन्नई बंगले से रोल्स रॉयस गोस्ट, बेंटले बेंटायगा, फेरारी 458 इटालिया, लेम्बोर्गिनी उरुस, एस्केलेड, मर्सिडीज एएमजी 63 आदि सहित सोलह हाई-एंड लग्जरी कारें भी जब्त की गई हैं।

सुकेश चंद्रशेखर (sukesh Chandrasekhar) के खिलाफ 20 के ज्यादा मामले दर्ज हैं। इस महाठग ने सबसे ज्यादा लोगों को नौकरी के नाम पर ठगा है।