देश इस वक्त कोरोना वायरस जैसे गंभीर संक्रमण से लड़ रहा है। इस लड़ाई में पुलिस, मेडिकल स्टाफ, समेत अन्य कई सरकारी कर्मचारी तथा अन्य लोग बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं। लेकिन आए दिन इनमें से कई कोरोना वॉरियर्स के साथ बदसलूकी किये जाने की खबर भी सामने आती हैं। अब आशा कार्यकर्ताओं ने भी इस संबध में अपना अनुभव बताया है। महाराष्ट्र के नागपुर में न्यूज एजेंसी ‘ANI’ से बातचीत करते हुए उषा ठाकुर नाम की एक आशा कार्यकर्ता ने कहा कि ‘जब हम सर्वे करने जाते हैं तो लोग हमें पत्थर मारते हैं और गालियां देते हैं कि आप हमारे घर क्यों आ रही हैं सवाल करने। हम उन्हें समझाते हैं कि हम उनके हित के लिए काम कर रहे हैं।आप हमें सिर्फ जानकारी दीजिए उसके अलावा हम आपके घर से कुछ नहीं मांगते।’

यहां आपको बता दें कि आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना रेड ज़ोन एरिया में सर्वेक्षण करने और साथ ही लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक करने का काम सौंपा गया है। नागपुर में कोरोना वायरस के बढ़ते असर को रोकने के लिए की जा रही कोशिशों के बावजूद नए पॉजिटिव मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। नागपुर के सतरंजीपुरा के संक्रमित मृतक की चेन लंबी होती जा रही है।

मंगलवार को फिर से नए 11 संक्रमित मिले हैं। महाराष्ट्र में अबतक 5218 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 722 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं राज्य में अबतक 251 लोगों की मौत हो चुकी है।


सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं देश के अलग-अलग राज्यों में कोरोना वायरस तेजी से अपना पांव पसार रहा है। बड़ी हैरानी की बात है कि अपनी जान हथेली पर रखकर ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों पर भी लोग हमला करने या उनसे बदसलूकी करने से बाज नहीं आ रहे है।

इससे पहले मध्य प्रदेश के इंदौर से महिला चिकित्सकों पर हमला करने की खबर सामने आई थी। इस हमले में महिला चिकित्सक जख्मी भी हो गई थीं। हालांकि इसके बावजूद उन्होंने ड्यूटी ज्वायन की थी।

इसके अलावा सैनिटाइजेशन का काम करने वाले निगम कर्मचारियों से भी कई जगहों पर बदसलूकी करने का मामला सामने आ चुका है। गलियों तथा सड़कों को सैनिटाइज कर कोरोना के खतरे को कम करने वाले कर्मचारियों पर भी घरों की छतों से ईंट-पत्थर बरसाए जाने की खबरें सामने आ चुकी हैं।