बेंगलुरु के एक ग्रामीण अस्पताल से कन्या भ्रूण मिलने से सनसनी फैल गई। फिलहाल अस्पताल को सील कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि बुधवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने अस्पताल में अचानक छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान कूड़ेदान में कन्या का भ्रूण मिला। इसके बाद पुलिस ने एसपीजी अस्पताल एंड डायग्नोस्टिक सेंटर के सात कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। मामले में आगे की जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा कि अस्पताल के मालिक डी श्रीनिवास रेडियोलॉजिस्ट हैं। घटना के सामने आने के बाद वे मौके से फरार हो गए हैं। उनका फोन अभी बंद आ रहा है। पुलिस ने कहा कि अभी कई ऐसे कागजात हैं जिनकी जांच होनी बाकी हैं। मामले में एक अधिकारी ने कहा कि इन डाक्यूमेंट्स की जांच से पता चलेगा कि क्या अस्पताल में अवैध तरीके से एबॉर्शन किए जा रहे थे?

13 लोग गिरफ्तार

दरअसल, पिछले महीने बेंगलुरु पुलिस ने कर्नाटक में कन्या भ्रूण हत्या रैकेट का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में डॉक्टर्स, लैब तकनीशियन, नर्स और एजेंट्स सहित 13 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की जांच CID कर रही है।

गुरुवार को बेलगावी में विधान सभा सत्र में विपक्ष ने राज्य सरकार से अवैध लिंग पहचान और भ्रूण हत्या के गोरखधंधे की जांच के लिए विषेश जांच टीम (SIT) बनाने की मांग की। विपक्ष नेता आर अशोक ने कहा कि इस मामले को लेकर समाज को कड़ा संदेश देने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा, “जब मैं मंत्री था तो अस्पताल के खिलाफ कोई एक्शन ना लेने के लिए फोन आते थे। हालांकि मैं एक्शन लेने में देरी नहीं करता था।”

वहीं मामले में विधायक शरथ बच्चेगौड़ा ने कहा कि अवैध गर्भपात रैकेट के पीछे कई नामी-गिरामी लोग हैं। “मुझे जानकारी मिली है कि बेंगलुरु ग्रामीण जिले में लगभग 15,000 महिलाएं हर साल गर्भवती होती हैं। उनमें से लगभग 1,500 गर्भपात कराती हैं। हमें नहीं पता कि इसमें कितने गर्भपात अवैध हैं।”

वहीं स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि सीआईडी ​​सिर्फ एक मामले की नहीं बल्कि राज्य भर के बड़े रैकेट की जांच करेगी। सरकार अवैध गर्भपात रैकेट पर की जांच कर रही है। फिलहाल मामले में आगे की जांच की जा रही है।